पांच हजार में जीजा ने बेचा, हर संडे दिखाते थे ब्लू फिल्म, 20 लोग बनाते थे संबंध

80-raid_फ्लैट में कैद थी लड़कियां , खौफनाक होता था रविवार
बिहार कथा
पटना. बिहार की राजधानी पटना स्थित शब्बो कॉम्प्लेक्स के फ्लैट नंबर-602 में चले रहे सेक्स रैकेट का पुलिस ने 11 सितंबर को भंडाफोड़ किया। पटना पुलिस के वाट?्सएप नंबर पर इस संबंध में सूचना मिलते ही वहां छापेमारी कर चार लड़कियों को मुक्त कराया गया, जबकि तीन युवकों को गिरफ्तार कर लिया गया। उनकी पहचान रवि कुमार (पुरानी बाजार महाराजगंज), मो. सरफराज रकीब खान (बिहारशरीफ) और शंभू कुमार (जहानाबाद) के रूप में हुई। पुलिस के मुताबिक फ्लैट में 9 माह से लड़कियां कैद थीं। उन्हें हर रविवार को ब्लू फिल्म दिखाकर 20 से ज्यादा लोगों के साथ रिश्ते बनाने के लिए मजबूर किया जाता था।
रवि नाम का शख्स इस रैकेट का सरगना है, जबकि रकीब और शंभू उसके सहयोगी। फ्लैट के दो कमरों से ब्लू फिल्मों की 20 सीडी, शराब की बोतलें, सिगरेट, 50 पैकेट कंडोम और 43,500 रुपए मिले। अरविंद नामक व्यक्ति का यह फ्लैट है। इसे रवि ने अंजू रंजन नामक महिला के जरिए लिया था। अंजू भी रैकेट से जुड़ी है। उसे पुलिस तलाश रही है।
असम की 16 साल की लड़की ने रोते हुए रौंगटे खड़े करनेवाले खुलासे किए। महिला पुलिस अधिकारी ने उससे इस दलदल में फंसने की वजह पूछी तो उसने बताया कि महज 5 हजार रुपए के लिए जीजा ने उसे दलाल को बेच दिया था। उसके माता-पिता को बताया गया कि लड़की काम करने जा रही है। रविवार उसके लिए खौफनाक होता था। इस दिन उसे 20 से अधिक ग्राहकों के साथ रिश्ते बनाने होते थे। रोने-सिसकने तक की मनाही होती थी। रोने की शिकायत ग्राहक ने कर दी तो दलाल और सरगना उसकी बेरहमी से पिटाई करते थे। जुमार्ने के तौर पर एक वक्त का खाना रोक दिया जाता था। एक-एक ग्राहक से संचालक 2 हजार रुपए वसूलता था, लेकिन एक रुपएा भी लड़कियों को नहीं मिलता था।
चारों की कई बार पिटाई
फ्लैट में चारों लड़कियों की कई बार पिटाई हो चुकी है। संचालक इन्हें ग्राहकों से शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर करते थे। मना करने पर इनकी बुरी तरह पिटाई होती थी। खाना भी नहीं दिया जाता था। किसी को फ्लैट से बाहर जाने की इजाजत नहीं थी। खिड़कियां-दरवाजे हमेशा बंद रहते थे। इससे पहले भी कई जगहों पर रवि लड़कियों को रख चुका है, जिसके बारे में लड़कियां नहीं बता पा रहीं।
कई शहरों से लाया था
अड्डे से जिन्हें मुक्त कराया गया, उनमें बिहार छपरा जिले के नागरा गांव की एक लड़की, पश्चिम बंगाल के चौबीस परगना जिले की एक महिला, असम की औरधर कॉलोनी व बांग्लादेश के जसर जिले की एक-एक लड़की शामिल हैं। चारों ने कहा कि उन्हें नौ महीने से फ्लैट में कैद कर रखा गया था। सभी को रैकेट का संचालक रवि कुमार लेकर आया था। उसने पूछताछ में बताया कि कोलकाता के सोनागाछी में सक्रिय दलाल संजय के जरिए इन लड़कियों को पटना लाया था। वहीं लड़कियों ने बताया गरीबी और बेरोजगारी के कारण उन्हें नौकरी का झांसा देकर संजय और रवि उन्हें ले आए थे।






Related News

  • 20 रुपये में अनमोल जिंदगी का सौदा !
  • जंगल व पहाड़ के ठिकाने से बिहार की राजनीति व हथियार के काले धंधे में पांव पसारने की कोशिश
  • बिहार में पोर्न इंडस्ट्री ने पसारे पांव!
  • Vuln!! Path it now!!
  • सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड का गोपालगंज कनेक्शन ?
  • रिश्तों के खून से लिखी जा रही बर्बादी की कहानी
  • काजू फैक्ट्री की आड़ में चल रहा था नकली शराब का धंधा
  • बिहार में बेटा और पत्नी के साथ मिल कर छापता था नकली नोट
  • Comments are Closed

    Share
    Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com