कहीं ब्रजेश राय हत्याकांड की पैरवी के कारण तो नहीं हुई गोपालगंज में वकील टीएस शर्मा की हत्या?
एसपी से मिलकर सरकारी वकील का ट्रांसफर करवाने की अर्जी दे चुके था आरोपी पक्ष
नामजद आरोपियों को कहीं फंसाया तो नहीं गया
गोपालगंज। अपराधियों की गोली के शिकार बने अधिवक्ता त्रिपुरारी शरण शर्मा चर्चित ब्रजेश राय हत्याकांड में सूचक की तरफ से वकील थे। हत्यारों के गोली के शिकार बनने से दस बारह दिन पहले ही उन्होंने ब्रजेश राय हत्याकांड में ट्रांसफर पीटीशन भी दिया था। गुरुवार को पुलिस अधीक्षक निताशा गुड़िया से मिलने उनके आवास पर गए हजियापुर कैथवलिया के ग्रामीणों ने एसपी को यह जानकारी देते हुए अधिवक्ता त्रिपुरारी शरण शर्मा की हत्या के मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की। इस दौरान ग्रामीणों ने एसपी को यह भी बताया कि इस हत्याकांड में नामजद आरोपी बनाए गए जितेंद्र सिंह, उनके पुत्र गोल्डेन कुमार तथा पुत्री रुबि कुमारी निर्दोष हैं। उन्हें इस मामले में जानबूझ कर फंसाया गया है। ग्रामीणों ने कहा कि इस हत्याकांड के आरोपी बनाए गए जितेंद्र सिंह के पिता स्वर्गीय हरिशंकर सिंह गोपालगंज विधानसभा सीट से विधायक भी रह चुके थे। जितेंद्र सिंह के पुत्र गोल्डेन कुमार उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद बाइक एजेंसी चलाते हैं और पुत्री रुबि की शादी तय हो चुकी है। एसपी को दिये गए आवेदन में ग्रामीणों ने अधिवक्ता त्रिपुरारी शरण शर्मा तथा जितेंद्र सिंह के बीच पूर्व में रहे घनिष्ठ संबंध की भी जानकारी दी है। ग्रामीणों का कहना था कि अधिवक्ता टीएस शर्मा जितेंद्र सिंह के घर में 14 साल तक साथ रहे थे। एनएच 28 के पूरब एसपी कोठी से कुछ दूरी पर जिस जमीन पर अधिवक्ता ने अपना घर बनाया था, वह जमीन भी जितेंद्र सिंह ने दोस्ती के नाते काफी कम कीमत पर उन्हें दी थी। वहां मकान बनाने के बाद अधिवक्ता और उनके पुत्र ब्रजभूषण ने जितेंद्र सिंह से कुछ और जमीन मांगी थी। जिस पर जितेंद्र सिंह ने साढे तीन धूर जमीन उन्हें दे दी। ग्रामीणों का आरोप था कि दुबारा जमीन देने के बाद ये फिर और जमीन मांगने लगे। जिसे देने से जितेंद्र सिंह ने इंकार कर दिया। ग्रामीणों का कहना था कि अधिवक्ता के मकान में उनके दामाद डा.आशिष रंजन रहते हैं और क्लिनिक चलाते हैं। अधिवक्ता के मकान के पीछे जितेंद्र सिंह का एक प्रतिष्ठित स्कूल चलता है। ग्रामीणों का आरोप था कि तीसरी बार जमीन नहीं देने पर स्कूल परिसर में रूई, सुई आदि फेंका जाने लगा था। इसी को अधिवक्ता त्रिपुरारी शरण शर्मा तथा जितेंद्र सिंह के बीच विवाद था। उनका कहना था कि इसी विवाद को लेकर अधिवक्ता त्रिपुरारी शरण शर्मा की हत्या के मामले में जितेंद्र सिंह, उनके पुत्र गोल्डेन कुमार तथा पुत्री रुबि कुमारी को फंसाया दिया गया है। ग्रामीणों को कहना था कि अधिवक्ता जितेंद्र सिंह मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी गोपालगंज में सहायक लोक अभियोजक के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद यहीं वकालत करते थे। अधिवक्ता शर्मा शातिर अपराधियों के विरूद्ध काम करते थे। ऐसी परिस्थिति में उनके अनेक दुश्मन थे। ग्रामीणों ने एसपी से अधिवक्ता हत्याकांड की निष्पक्ष जांच कराने की मांग किया। एसपी से उनके आवास पर मिलकर संयुक्त रूप से आवेदन देने वालों में दिवाकर सिंह, अभिषेक सिंह, मोहन सिंह, नवनीत कुमार गौतम, ईरा देवी, सुनील सिंह, नर्वेदेश्वर कुमार, इंदू देवी, रामावती देवी, मृत्युंजय सिंह, आलोक कुमार, धनंजय सिंह, अभिनव सिंह, दिनेश्वर सिंह, विजय कुमार, अशोक सिंह, पुरुषोत्तम सिंह सहित करीब दो सौ ग्रामीण शामिल थे।
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