अब जीतन राम मांझी के दामाद ने की बगावत
पटना। लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान के दामाद द्वारा उनके खिलाफ बगावत किए जाने के बाद अब हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी के दामाद ने विद्रोह कर दिया है और आज उन्होेंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया। हम प्रमुख के दामाद देवेंद्र मांझी ने बोधगया (सुरक्षित सीट) से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया। भाजपा ने अपने मौजूदा विधायक श्यामदेव पासवान को टिकट दिया है। देवेंद्र मांझी ने कहा कि उन्हें महादलित समाज के दबाव के कारण मैदान में उतरना पड़ा। लेकिन उन्होंने अपने ससुर और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की। देवेंद्र मांझी ने अपने ससुर के बारे में कहा, दलित और महादलित समाज का प्रतिनिधित्व करने के बाद भी उन्हें सिर्फ 20 सीटें मिली। वह और क्या कर सकते हैं? उन्होंने कहा, मैं उनकी छवि नहीं खराब करना चाहता हूं और निश्चित रूप से मैं उनसे आर्शीवाद मांगूंगा।
जीतन राम मांझी जब मुख्यमंत्री थे, उस समय देवेंद्र मांझी मुख्यमंत्री निवास में ही रहते थे और उनकी राजनीतिक गतिविधियों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। उन्होंने कहा कि उन्हें उनकी सास और परिवार के अन्य सदस्यों का समर्थन हासिल है। जीतन राम मांझी दो स्थानों मखदुमपुर और इमामगंज से चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने अपने पुत्र संतोष कुमार सुमन को कुटुम्बा सीट से टिकट दिया है। इधर पासवान के दामाद और दलित सेना के प्रमुख अनिल कुमार साधु ने कहा कि वह राजा पाकड सीट से पशुपति कुमार पारस के खिलाफ मैदान में उतरने की सोच रहे है। पारस लोजपा प्रमुख के छोटे भाई और पार्टी की प्रदेश इकाई के प्रमुख हैं। उन्होंने कहा, मैं दलित समाज से उन सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारूंगा जहां से लोजपा के प्रत्याशी मैदान में होंगे तथा रामविलास पासवान की पार्टी की हार सुनिश्चित करने के लिए प्रचार करूंगा।
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