अगर सांप ने काटा तो यह बातें रखें याद
पटना/नई दिल्ली। सांप कटने से दुनियाभर में होने वाली मौतों की संख्या में भारत सबसे आगे है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक हर साल 83,000 लोग सांप के दंश का शिकार होते हैं और उनमें से 11,000 की मौत हो जाती है। मौत का सबसे बड़ा कारण है तुरंत प्राथमिक उपचार न होना। भारत में सांपों की लगभग 236 प्रजातियां हैं। इनमें से ज्यादातर सांप जहरीले नहीं होते। आम धारणा है कि सभी सांप खतरनाक होते हैं, लेकिन ऐसे सांपों के काटने से सिर्फ जख्म होता है, मौत दहशत के कारण हो जाती है।
देश में जहरीले सांपों की 13 प्रजातियां हैं, जिनमें से चार बेहद जहरीले होते हैं- कोबरा (नाग), रस्सेल वाइपर, स्केल्ड वाइपर और करैत। देश में सबसे ज्यादा मौतें नाग या गेहुंवन व करैत के काटने से होती हैं।
हार्ट केयर फाउंडेशन आॅफ इंडिया के अध्यक्ष और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के आॅनरेरी सेक्रेटरी जनरल डॉ. के.के. अग्रवाल बताते हैं, हम सभी को सांप के काटने पर प्राथमिक उपचार की जानकारी होनी चाहिए। उचित समय पर सही इलाज सांप से होने वाली मौत को टाल सकता है। उन्होंने कहा, हमें याद रखना चाहिए कि सभी सांप खतरनाक नहीं होते, इसलिए सांप के काटने पर घबराना नहीं चाहिए। प्राथमिक उपचार के तौर पर सबसे पहले जहर को फैलने से रोकना चाहिए और मरीज को जल्दी से जल्दी किसी स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचाना चाहिए। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि आमतौर पर यह मिथक है कि सांप काटी जगह पर रक्त संचार बंद करने के लिए खूब कसकर पप्ती बांध देनी चाहिए और मुंह से खींचकर जहर निकाल देना चाहिए, लेकिन इन चीजों से परहेज करना चाहिए। दरअसल, इनसे नसों और रक्त धमनियों को नुकसान पहुंचने और संक्रमण होने का खतरा रहता है। उन्होंने बताया कि मुंह से खींचने पर जहर बहुत कम निकलता है। दबाव वाली पप्ती बांधने से रक्त धमनियां फट सकती हैं और मरीज को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती हैं।
बकौल डॉ. अग्रवाल, इन बातों को हमेशा याद रखें :
-पीड़ित को सांप से दूर ले जाएं और घबराहट दूर करने में उसकी मदद करें
-खुद को सुरक्षित रखते हुए सांप की प्रजाति का पता करें
-सांप के काटने वाली जगह पर कोई गहना पहने हों तो उसे उतार दें
-मरीज जूते पहना हो तो उतार दें, कपड़े सुविधाजनक हों तो न उतारें
-जख्म पर पप्ती बांध दें। पप्ती के लिए पेड़ की छाल, अखबार का टुकड़ा, स्लीपिंग बैग या बैकपैक फ्रेम का इस्तेमाल करें
-जख्म से छेड़छाड़ न करें, पप्ती बांधने के बाद नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाएं
-मरीज को बिल्कुल चलने न दें, क्योंकि मांसपेशियों की रगड़ से जहर तेजी से फैल सकता है
-मरीज को अपने मन से एस्प्रिन या कोई दर्द निवारक दवा बिल्कुल न दें
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