सारण में दिग्गजों की साख की होगी अग्निपरीक्षा
सुशील कुमार सिंह.छपरा।
आगामी विधानसभा चुनाव में सारण जिले के मौजूदा दस विधायकों सहित कई पूर्व विधायक व पूर्व मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। वर्तमान विधायकों में सबसे सीनियर एकमा के जदयू विधायक मनोरंजन सिंह उर्फ धूमल हैं। वे जीत का चौका लगा चुके हैं। इस बार वे लगातार पांचवीं जीत की तैयारी में जुटे हैं। हालांकि, पिछले साल हुए लोस चुनाव में महाराजगंज संसदीय क्षेत्र से उनकी करारी हार हुई थी। जदयू के टिकट पर ही उतरे धूमल तीसरे स्थान पर रहे थे। 2000 से बतौर निर्दलीय बनियापुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक की पारी शुरू करने वाले धूमल अभी एकमा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। नए परिसीमन के बाद 2010 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने अपना क्षेत्र बदल एकमा विस क्षेत्र से चुनाव लड़ा था।
इसके पूर्व बनियापुर से उन्होंने फरवरी 2005 का चुनाव लोजपा और नवंबर 2005 का चुनाव जदयू के टिकट पर जीता था। मांझी के जदयू विधायक व पूर्व मंत्री गौतम सिंह भी जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं। वे फरवरी 2005, नवंबर 2005 और 2010 का चुनाव मांझी से जदयू के टिकट पर लगातार जीत चुके हैं। इस बार वे पाला बदल रालोसपा से जीत का चौका लगाने को प्रयासरत हैं। हालांकि, उन्हें अभी भाजपा के ही भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। महागठबंधन भी उनकी घेराबंदी का प्रयास करेगा।बनियापुर के राजद विधायक केदारनाथ सिंह, परसा के जदयू विधायक छोटेलाल राय और गड़खा के भाजपा विधायक ज्ञानचंद मांझी जीत की हैट्रिक लगाने की तैयारी में हैं। ये तीनों विधायक नवंबर 2005 और 2010 का दो चुनाव जीत चुके हैं। केदारनाथ सिंह ने नवंबर 2005 का चुनाव मशरक विधानसभा क्षेत्र से जदयू के टिकट पर जीता था। नए परिसीमन में यह क्षेत्र विलोपित होने के चलते वे सीमावर्ती बनियापुर विस क्षेत्र के चुनावी अखाड़े में राजद के टिकट पर उतरे और नीतीश लहर में भी लगातार दूसरी बार जीत दर्ज करने में सफल रहे। इस बार जीत की हैट्रिक लगाने को प्रयासरत हैं। जिला पार्षद से नवंबर 2005 में जदयू के टिकट पर परसा विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक बनने वाले छोटेलाल राय ने नीतीश लहर में 2010 का विस चुनाव भी आसानी से जीत लिया था। उन्होंने क्षेत्र से लगातार पांच जीत हासिल करने वाले पूर्व मंत्री चंद्रिका राय को दोनों बार कड़े मुकाबले में हराया था। हालांकि, इस बार दोनों में महागठबंधन का टिकट पाने को ही रस्साकशी चल रही है। गड़खा के भाजपा विधायक ज्ञानचंद मांझी भी लगातार दो बार नवंबर 2005 और 2010 का विस चुनाव जीत इस बार हैट्रिक लगाने की उम्मीद पाले हुए हैं। इस बार उनकी घेराबंदी में महागठबंधन जुटा हुआ है. from livehindustan.com
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