सांप की शादी देखने के लिए आए 50,000 लोग
सुबोध सौरभ,औरंगाबाद,
विज्ञान के युग में अंधविश्वास का तमाशा शनिवार को देव प्रखंड के बेढ़नी गांव में दिखा, जहां एक किशोरी की शादी इच्छाधारी नाग से होने की अफवाह पर 50 हजार से ज्यादा लोग आ जुटे। कुछ लोगों ने जो अफवाह को हवा दे रहे थे, एक किशोरी को वहां ला कर खड़ा भी कर दिया पर नागदेव प्रकट नहीं हुए और हजारों लोग निराश हो कर ठगे से वापस लौटे। कुछ दिनों से यहां अफवाह फैलाई जा रही थी कि स्थानीय अखिलेश भुइयां की बेटी रेणु कुमारी की शादी शनिवार को इच्छाधारी नाग से होगी और वो बाकायदा नाग रूप में आएगा और सबों के सामने इंसानी रूप धर कर शादी करेगा। अफवाह इस कदर फैली कि देव के अलावा औरंगाबाद, कुटुम्बा, ओबरा, दाऊदनगर और बारूण सहित अन्य प्रखंडों से लोग यहां पहुंचे।
भारी संख्या में लोग बस, कार, बाइक और ट्रैक्टर पर सवार होकर इस तमाशे को देखने पहुंचे थे। भीड़ इतनी ज्यादा हो गई थी कि लोगों को संभालने के लिए स्थानीय पुलिस को लगना पड़ा। बेढ़ना पुल के समीप वाहनों की कतार लग गई और कुछ देर के लिए आवागमन पूरी तरह ठप हो गया। नियत समय पर बीच खेत में एक चौकी बिछाई गई जिसपर 10-12 साल की एक बच्ची को बिठाया गया। उसने वहां कुछ पूजा-पाठ की। काफी देर के बाद जब भीड़ का धैर्य चुकने लगा, अचानक उसे वहां से हटा लिया गया।
न नाग देव को आना था और न वे आए। इस पर जब भीड़ शोर मचाने लगी तो भीड़ को हटाने के लिए कीचड़ फेंका जाने लगा और फिर भीड़ छंट गई। पूरे दिन यह ड्रामा चलता रहा। हजारों लोग जो काफी पैसे खर्च कर यहां आए थे, एक दूसरे को कोसते और अपनी ही नासमझी पर शर्मिंदा होते लौट गए। भीड़ को वहां से निकालना भी बेहद मुश्किल काम रहा। पुलिस को कई बार हल्का बल प्रयोग कर रास्ते खुलवाने पड़े। नाग विवाह स्थल बीच खेत में रखा गया था। जब चारों ओर से उन्मादित भीड़ खेतों में घुसी तो आसपास के कई बीघे में लगी धान की फसल भी नष्ट हो गई।
सुनियोजित तरीके से फैलाई गई थी अफवाह
एक किशोरी की शादी इच्छाधारी नाग से होने की अफवाह बेहद सुनियोजित तरीके से फैलाई गई थी। इससे यह भी जाहिर होता है कि ये आम ग्रामीणों की हरकत नहीं बल्कि इसके पीछे कई शातिर दिमाग काम कर रहे थे। चर्चा ये उड़ाई गई कि गांव की एक किशोरी जब एक दिन अपने घर आ रही थी तो उसे एक नाग ने रोक लिया। बाद में आदमी का रूप धर कर उसने लड़की से शादी करने का प्रस्ताव रखा और शादी के लिए शनिवार का दिन तय किया। जैसे ही ये बे-सिर पैर की चर्चा फैली, लोगों ने बिना सोचे-समझे बेढ़नी गांव की ओर रुख कर लिया।
हालात ये थे कि हर ओर से बस लोग-ही लोग आते नजर आ रहे थे। सुबह आठ बजे तक सारा इलाका लोगों से पट गया। सभी सड़कें जाम हो गईं। खेतों से लेकर सड़कों तक, पेड़ों से लेकर मकानों तक लोग भरे पड़े थे। कुछ महिलाएं तो बाकायदा शादी के गीत गाते हुए टोलियों में पहुंचीं। कोई किशोरी के मां-बाप को कोसता रहा तो किसी ने लोगों की भीड़ के कारण इच्छाधारी नाग के नहीं आने की बेतुकी बात तक गढ़ डाली।
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