नीतीश और लालू पर भारी पड़ रहा मोदी का तंत्र
रवीश तिवारी, पूर्णिया/दरभंगा
शंभू यादव बिहार में काम कर रहे बीजेपी के चुनावी तंत्र की सफलता की मिसाल हैं। वह युवा हैं और पंजाब में प्रवासी मजदूर रह चुके हैं। सुपौल जिले के चिलौनी गांव के रहने वाले शंभू की राजनीतिक राय अपने घर के बड़े-बुजुर्गों से इतर है। उनके घर के बड़े-बुजुर्ग जहां लालू यादव की पार्टी आरजेडी को वोट देने की बात कहते हैं, वहीं शंभू बीजेपी के कार्यकर्ता या संघ प्रचारक की तरह इस पार्टी के पक्ष में बोलते हैं।
यहां से कई किलोमीटर दूर झंझारपुर विधानसभा के चनौरागंज गांव में आरएसएस कार्यकर्ता शंकर झा भी वोटरों को प्रभावित करने के लिए इसी तरह की दलील का इस्तेमाल कर रहे हैं। झा ने बताया कि वह उन तीन पूर्णकालिक कार्यकतार्ओं में शामिल हैं, जिन्हें पार्टी ने झंझारपुर में नियुक्त किया है। बाकी दो कार्यकर्ता उत्तराखंड से हैं। उन्होंने बताया कि दरभंगा डिवीजन में हर 30 विधानसभा सीटों के सेगमेंट में तीन ऐसे कार्यकतार्ओं की नियुक्ति की गई है। इनमें एक लोकल और दो उत्तराखंड से हैं। ए कार्यकर्ता पार्टी को चुनाव प्रचार के बारे में फीडबैक देने के अलावा यह बताते हैं कि किन क्षेत्रों में काम करने की जरूरत है। झा ने कहा कि चुनाव के मद्देनजर सिर्फ उत्तराखंड से तकरीबन 166 कार्यकर्ता पूरे राज्य में फैलकर काम कर रहे हैं।
बीजेपी के ‘परिवर्तन रथ’ के साथ ए कार्यकर्ता पूरे राज्य का दौरा कर नरेंद्र मोदी के बदलाव के आह्वान के संदेश को हर जगह फैला रहे हैं। साथ ही, ऐसा लगता है कि जमीनी स्तर पर कार्यकतार्ओं की सक्रियता के मामले में जेडी(यू)-आरजेडी के महागठबंधन की कोई तैयारी नहीं है। दरभंगा ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के युवा वोटर कमलेश यादव ने बताया कि इन रथों पर बजने वाले मोदी के रिकॉर्डेड भाषण जनता को काफी लुभा रहे हैं। यादव किराना की दुकाना चलाते हैं।
सुपौल जिले के विधानसभा क्षेत्र निर्मली विधानसभा सीट स्थित डुमरी गांव के लोगों ने भी अपने इलाके में कुछ दिन पहले ऐसे रथ के आने की बात बताई। पूर्णिया, मधेपुरा, सहरसा और मधुबनी के दौरे में हमें इस बात के और पुख्ता सबूत मिले कि बीजेपी का चुनावी तंत्र जेडी(यू)-आरजेडी-कांग्रेस-एनसीपी के मुकाबले चुनावी तैयारियों को लेकर ज्यादा सक्रिय है। बीजेपी कार्यकर्ता जगह-जगह पर मोदी की तस्वीरों पर बोर्ड लगाते भी नजर आए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 18 अगस्त को हुई रैली के लिए बीजेपी की कोशिशों का पता इस बात से भी चलता है कि पार्टी महासचिव और बिहार के प्रभारी भूपेंद्र यादव इस रैली की तैयारियों का जायजा लेने 16 अगस्त को ही पटना से सहरसा पहुंच गए थे और देर रात में उन्होंने इस बाबत बैठक की। फिर अगले दिन उन्होंने मधेपुरा और सुपौल में बैठक की। उधर, पूर्णिया में बीजेपी के नेता और पूर्व सांसद उदय सिंह भी इस रैली को लेकर तैयारियों में व्यस्त थे। चुनाव आयोग द्वारा चुनावी बिगुल फूंके जाने से पहले ही बीजेपी का चुनावी तंत्र पूरे राज्य में सक्रिय हो गया है, जबकि महागठबंधन इस महीने के आखिर से जोरशोर से अपना चुनाव प्रचार अभियान शुरू करेगा। -इकनॉमिक टाइम्स से
Related News
25 से 30 सांसदों की लालच में कांग्रेस ने लालू को अपना संगठन बेचा : प्रशांत किशोर
संवाददाता, मधुबनी : जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस और भाजपा पर निशाना साधाRead More
जाति आधारित गणना के गर्भ से निकली थी महागठबंधन सरकार
अब सर्वे रिपोर्ट बताएगी उसकी ताकत —- वीरेंद्र यादव, वरिष्ठ पत्रकार —- प्रदेश में जातिRead More
Comments are Closed