Thursday, July 16th, 2015
मंडल की मंडली के ख़िलाफ़ भाजपा के रथ
जब नीतीश कुमार जाति को छोड़ कर अपने काम की मज़दूरी यानी वोट मांग रहे थे तो बीजेपी नरेंद्र मोदी को कभी पिछड़ा, कभी तेली और कभी चाय वाले के बेटे के तौर पर पेश कर रही थी.लोकसभा चुनाव हारने के बाद नीतीश और लालू को ज्ञान प्राप्त हुआ कि बिहार में काम से ज़्यादा शायद जाति पर वोट मिलता है.इसलिए दोनों ने अपनी दुश्मनी छोड़ी और फिर उसी मंडल के खेल में लग गए जिसमें वे बहुत माहिर हैं. सुरूर अहमद इसे विडंबना कहें या कुछ और बिहार मेंRead More
नीतीश की राजनीति में 'आप' कनेक्शन
नीतीश कुमार और अरविंद केजरीवाल दोनों नेताओं के बीच कम से कम एक चीज़ तो सामान है और वह यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर दोनों के विचार एक हैं. दोनों ही नेता मोदी की सत्ता को खुलकर चुनौती दे रहे हैं. इन दो के अलावा ऐसा कोई और मुख्यमंत्री नहीं है जो इतना मुखर होकर बोल रहा हो. प्रश्न यह भी है कि धन, जाति और बाहुबलियों के दम पर जिस तरह से बिहार की सारी राजनीति चलती है और चुनाव लड़े जाते हैं, उसमें नीतीश कुमारRead More