हथुआ में मंदिर पर राजनीति, हिंसक झड़प, कई घायल, चार थाने की पुलिस दे रही पहरा

हथुआ-गोपालगंज। हथुआ के मैनेजरी कोठी परिसर में शुक्रवार को प्राचीन देवी मंदिर की चहारदीवारी निर्माण को लेकर शुक्रवार को दो पक्षों के लोगों में विवाद हो गया। इस विवाद को लेकर दोनों पक्ष के लोग आपस में भिड़ गए। जिसमें दोनों पक्ष से महिलाओं सहित आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। दो पक्षों के बीच झड़प की सूचना मिलते ही हथुआ थानाध्यक्ष प्रियव्रत मौके पर पहुंच कर स्थिति को नियंत्रण करने में जुट गए। लेकिन इसके बाद भी स्थिति बिगड़ते देख उन्होंने इसी सूचना डीएसपी कमलाकांत को दी। मौके पर पहुंचे डीएसपी ने मीरगंज, फुलवरिया, उचकागांव तथा थावे थाना पुलिस को बुलाकर स्थिति पर नियंत्रण पाया। इस झड़प के बाद आसपास के गांवों में भी तनाव उत्पन्न हो गया है। पुलिस पदाधिकारी दोनों समुदाय के लोगों से बातचीत कर शांति स्थापित करने में जुटे हुए हैं। तनाव को देखते हुए पुलिस वहां कैंप कर रही है।
बताया जाता है कि हथुआ स्थित सैनिक स्कूल के सटे हथुआ पैलेस के सामने मैनेजरी कोटी परिसर में करीब तीन सौ साल पुराना देवी मंदिर है। शुक्रवार को हथुआ गांव, रतनचक, रुपनचक गांव के लोग देवी मंदिर की चहारदीवारी का निर्माण करा रहे थे। तभी मैनेजरी कोठी में रहने वाले एक पक्ष के लोग चहारदीवारी निर्माण कार्य का विरोध करते हुए उसे रोकने लगे। जिसको लेकर दोनों पक्ष के लोग आपस में भिड़ गए। इस भिड़त में एक पक्ष के चंद्रशेखर राय, ललन कुंवर, रंजीत कुंवर तथा दूसरे पक्ष से हस्बुल नेशा, जोहरा बेगम, बेबी खातून, शहाना खातून, शाहिदा खातून घायल हो गईं। दो पक्ष के बीच मारपीट की सूचना मिलते ही हथुआ थानाध्यक्ष वहां पहुंच गए। लेकिन स्थिति बिगड़ते देख उन्होंने इसकी सूचना डीएसपी को दी। मौके पर पहुंचे डीएसपी ने हथुआ, फुलवरिया, उचकागांव, मीरगंज तथा थावे थाना पुलिस को बुलाकर स्थिति पर नियंत्रण पाया। दो पक्षों के बीच झड़प के बाद आसपास के गांवों में भी तनाव व्याप्त हो गया है। तनाव को देखते हुए मंदिर परिसर में धारा 144 लागू कर दिया गया है। पुलिस पदाधिकारी दोनों पक्ष के लोगों के साथ बैठक कर मामले को शांत कराने में जुटे हुए हैं। तनाव को देखते हुए पुलिस वहां कैंप कर रही है।
पंचायत स्तरीय राजनीति से भड़का विवाद
मैनेजरी कोठी परिसर में देवी मंदिर करीब तीन सौ साल पुराना है। यहां आसपास दूसरे समुदाय का भी कोई धार्मिक स्थल नहीं है। ऐसे में मंदिर की चहारदीवारी निर्माण कार्य के विरोध में अचानक एक समुदाय विशेष के लोगों के खड़े हो जाने से कई सवाल उठने लगे हैं। सूत्रों की मानें तो इस बवाल का कारण पंचायत स्तरीय राजनीतिक है। आगामी विधान सभा चुनाव तथा उसके बाद पंचायत के चुनाव को देखते हुए पंचायत स्तर पर लोगों को गोलबंदी करने की कवायद अभी से शुरू हो गई है। डीएसपी कमलाकांत कहते हैं माहौल बिगड़ने की साजिश रचने वालों को खोज कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।






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