सियासी दंगल की आहट के साथ ही दोगुना हो गया गोलियों का कारोबार
पटना। चुनावी मौसम आते ही असलहों और गोलियों की कालाबाजारी का दौर शुरू हो गया है। राजधानी सहित प्रदेश के कई हिस्सों में असलहों के सौदागर मनमानी कीमत पर हथियारों की खरीद फरोख्त में लगे हैं। हालांकि, जिला प्रशासन व पुलिस की सख्ती जारी है लेकिन मुनाफे के मौसम में सौदागर थोड़ा रिस्क लेकर भी कारोबार बढ़Þा रहे हैं। इन दिनों लाइसेंस दिखाने के बाद भी दुकानदार गोलियों की मनमानी कीमत वसूल रहे हैं। दुकानदारों की मानें तो चुनाव नजदीक आते ही हथियारों का कारोबार और तेजी से बढ़ÞÞेगा। इसका असर भी अभी से दिखने लगा है। जैसे मसलन प्वाइंट 32 की गोली की कीमत 80 रुपए है। जबकि इसे दुकानदार 140 रुपए में बेच रहे हैं। यही नहीं लाइसेंसी दुकानदार लाइसेंसी ग्राहकों को गोली तो दे रहे, लेकिन उसकी रसीद नहीं दे रहे हैं। इस तरह का कारोबार पिछले दो हफ्तों में और तेज हो गया है। शनिवार को एक ऐसा ही मामला प्रकाश में आया, जिसमें गुप्तेश्वर प्रसाद सिंह जब एक लाइसेंसी दुकान में कारतूस खरीदने गए तो पहले उन्हें बताया गया कि गोली नहीं है। जब उन्होंने अपने लाइसेंस की बात की तो कहा कि कारतूस दे देंगे, पर रसीद नहीं मिलेगी। जब उन्होंने इसकी वजह जानने की कोशिश की, तो दुकानदार ने कहा कि गोली लेनी है तो लीजिए नहीं तो जाइए।
बना रहे बहाना
लाइसेंसी दुकानदार गोली रहते लाइसेंसी ग्राहकों से गोली नहीं रहने का बहाना बना रहे हैं। कोई ग्राहक यदि 140 रुपए प्रति गोली कीमत देने को तैयार होता है गोली तो देते हैं। अपने रजिस्टर और ग्राहकों के लाइसेंस में इसकी इंट्री भी करते हैं पर रसीद नहीं देते।
मुंगेर के बने कारतूस भी काफी डिमांड में
मुंगेर के बने कारतूस भी काफी डिमांड में है। मुंगरी पिस्टल में इसका धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है। मुंगेर में निर्मित देसी कट्टे की डिमांड छोटे बड़े अपराधों में लगातार होती रही है। कई बार पुलिस ने हथियारों की खेप के साथ इसके सौदागरों को भी दबोचा है।
बिना लाइसेंस वाले गोली के लिए चुकाते हैं मुंहमांगी कीमत
ए तो बात हुई लाइसेंस रहने की। पर जिसके पास लाइसेंस नहीं है उन्हें इस समय गोलियों के लिए मुहमांगी कीमत चुकानी पड़ रही है। एक गोली लोग 300 रुपए या इससे भी अधिक कीमत पर खरीद रहे हैं।
रेल पुलिस सतर्क, संदिग्धों पर भी खास नजर
चुनावी मौसम होने के कारण रेल पुलिस पूरी तरह मुस्तैद है। सभी ट्रेनों पर विशेष नजर रखी जा रही है। हथियारों की खेप पकड़ने के लिए रेल पुलिस को श्वान दस्ते से भी लैस किया जा रहा है ताकि विस्फोटक या हथियार ले जा रहे शातिरों को चलती ट्रेन में ही दबोचा जा सके। इसके अलावा हर स्टेशन पर संदिग्धों पर खास निगरानी रखी जा रही है। पटना के आर्म्स मजिस्ट्रेट अमरेश कुमार अमर का कहना है कि अगर लाइसेंसी दुकानकार लाइसेंसी ग्राहक को गोली खरीदने पर रसीद नहीं दे रहे हैं, तो मामला गंभीर है। इस शिकायत की पूरी तरह जांच की जाएगी। इस बाबत दुकानदारों से पूछताछ की जाएगी। जांच के बाद अगर दुकानदार दोषी पाए जाते हैं, तो उनपर विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी।from livehindustan.com
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