महागठबंधन से एक अनार सौ बीमार वाली हालात

bihar electionजदयू में टिकट दावेदार मायूस, घमासान होना तय
प्रभात कुमार,मुजफ्फरपुर  
मुजफ्फरपुर एक अनार और सौ बीमार से सबसे ज्यादा जदयू जूझ रहा है। महागठबंधन के बाद जदयू में वैकेंसी ही कम हो गई है । पार्टी के पास एक जिले में जितनी सीटें हैं। उतनी सीटें पूरे प्रदेश में भी बांटने के लिए नहीं होगी। लिहाजा पांच साल से क्षेत्र में उम्मीदवारी के लिए खून-पसीने बहा रहे नेता मायूस हैं। इनका चेहरा अभी से लटका है। वैसे भाजपा से रिश्ते टूटने के बाद भावी उम्मीदवारों की उम्मीदें टिकट को लेकर बढ़Þ गई है।
टिकट को लेकर गुना-भाग में जुटे  पार्टी के शीर्ष नेताओं की मानें तो जदयू के हिस्से में पूरे सूबे में चुनाव लड़ने के लिए सौ सीटें ही होगी। यह बीते चुनाव से भी कम है। लिहाजा पार्टी में 2010 के चुनाव से अधिक मारा-मारी की स्थिति हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता बताते है कि वर्तमान में पार्टी के 97 विधायक सीटिंग हैं। लिहाजा पूरे सूबे में पार्टी के पास टिकट बांटने के नाम पर फिलहाल गिनी-चुनी वैकेंसी है। दल विरोघी व अन्य किसी मजबूरी के कारण कुछ लोगों की टिकट कटना तय माना जा रहा है।  वहीं इतने दावेदार तो पार्टी में हर विधानसभा क्षेत्र हैं। लिहाजा टिकट को लेकर पार्टी में घमासान तय है। संभव है, इसके कारण पार्टी के बागी नेता इनकी चुनावी गणित को भी बिगाड़ दें।
बहरहाल, यह संकट महागठबंधन में शामिल अन्य पार्टियों के बीच कम होगा। राजद के वर्तमान में 24 ही विधायक हैं। ऐसे में उनकी पार्टी में 76 दावेदारों को जगह देने का अवसर होगा। कांग्रेस के भी मात्र 4 विधायक हैं। वैसे उम्मीद जताई जा ही कि महागठबंधन में 30 से ज्यादा ही सीट उसके हिस्से आएगी। यही हाल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का भी होगा। वर्तमान तो राकांपा के एक भी विधायक नहीं हैं। पार्टी के पूरे सूबे में केवल एक सांसद हैं। ऐसे में जिले से वर्तमान में सीटिंग विधायक मंत्री रमई राम और मनोज कुशवाहा को छोड़कर जदयू में पार्टी नेताओं की कम से कम उन सीटों को लेकर दावेदारी बनी हुई है जहां से कम से कम पार्टी विधायक बीते चुनाव में जीते थे।
वैसे कांटी, साहेबगंज और सकरा विधायक के साथ मीनापुर विधायक का पाला बदल लेने के कारण यहां उम्मीदवारी के लिए वेंकें सी जरूर है, लेकिन मुजफ्फरपुर और औराई से पार्टी में उम्मीदवारी के लिए जबर्दस्त दावेदारी बनी हुई है। खासकर पूर्व विधायक विजेंद्र चौधरी और पूर्व सांसद अजरुन राय इसके लिए पार्टी में एड़ी-चोटी एक किए हुए हैं। वहीं जदयू के विधान पार्षद दिनेश प्रसाद सिंह भी गायघाट से भाजपा विधायक वीणा देवी की उम्मीदवारी पर संकट को देखते हुए एक सीट के लिए अलग दबाव बना रखा। अन्य सीटों पर एक अनार सौ बीमार की स्थिति है। from livehindustan.com






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