बिहार में दिखा जाति का दम, जाति जनगणना के आंकड़ों के लिए बिहार बंद, जनजीवन प्रभावित, लालू गिरफ्तार, हाई कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
पटना। जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी करने की मांग को लेकर राजद की ओर से बुलाए गए बिहार बंद का व्यापक असर दिखा। बंद के समर्थन में राजद प्रमुख लालू यादव भी टमटम पर सवार होकर राजधानी के डाक बंगला चौराहा पर निकले। उनके साथ हजारों राजद कार्यकतार्ओं की भीड़ थी। लालू ने कहा कि पंजाब के गुरदासपुर में हुआ आतंकी हमला मोदी सरकार की चूक है। लालू ने कहा कि उन्होंने यह बंद जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी करने की मांग को लेकर किया है। उनका बिहार बंद पूरी तरह से सफल रहा है। राजद कार्यकतार्ओं ने उत्तर बिहार को पटना से जोड़ने वाली एक मात्र लाइफ लाइन गांधी सेतु को भी बंद कर दिया है। हाजीपुर की तरफ से गांधी सेतु तक जाने वाली सड़क पर टायर जलाकर और ट्रक खड़े कर पूरे रोड को जाम कर दिया गया है। इस जाम में एम्बुलेंस भी फंस गए हैं। जाम के चलते पटना आने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बहुत से लोग तो पैदल की गांधी सेतु पार कर रहे हैं।
बिहार बंद राजद कार्यकतार्ओं ने पटना हाई कोर्ट के जजों को भी अपना निशाना बनाया। पटना हाई कोर्ट के जजों की गाड़ी को भी अपना निशाना बनाते हुए रोका दिया था। इसपर कोर्ट ने सरकार से जवाब तलब करते हुए पूछा है कि क्या सरकार बंद का समर्थन कर रही है? राजद बंद को पटना हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति राकेश कुमार ने बिहार के मुख्य सचिव से जवाब तलब करते हुए पूछा है कि जजों को बंद के दौरान क्यों नहीं पूरी सुरक्षा दी गई।
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और उनके कई समर्थकों को तब गिरफ्तार कर लिया गया जब वे पार्टी की ओर से आहूत बंद को जबर्दस्ती लागू कराने का प्रयास कर रहे थे। वहीं बंद से पूरे राज्य में जनजीवन पर प्रतिकूल असर पड़ा। पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) विकास वैभव ने कहा, प्रसाद को उनके समर्थकों के साथ तब गिरफ्तार कर लिया जब वे जबर्दस्ती बंद कराने का प्रयास कर रहे थे। उन्हें बिहार मिलिट्री पुलिस..5 के शिविर जेल ले जाया गया जो कि पटना के बाहरी इलाके में स्थित है। उनके खिलाफ लगी धाराएं यदि जमानती होंगी तो उन्हें जमानत मिल जाएगी। प्रसाद के खिलाफ कोतवाली पुलिस थाने में धारा 147, 149, 341, 353, 323, 332, 431, 504 और 506 के तहत एक प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। बंद से आमजनजीवन प्रभावित हुआ क्योंकि कुछ ट्रेनों को लाठीधारी लोगों की भीड़ ने रोक दिया और कुछ दुकानों और शैक्षिक संस्थानों को भी बंद करने के लिए बाध्य किया। इससे पटना उच्च न्यायालय का कामकाज भी प्रभावित हुआ। अधिकारियों ने बताया कि बंद के चलते कई न्यायाधीशों को न्यायालय पहुंचने में विलंब हुआ और उन्होंने यह जानना चाहा कि क्या राज्य सरकार बंद का समर्थन कर रही है। उन्होंने इसके साथ ही राज्य सरकार की सुरक्षा तैयारियों पर भी सवाल उठाया। इससे पहले लालू प्रसाद अपने आवास से अपनी पार्टी के रंग और चिह्नों से ढके टमटम पर बैठकर बाहर निकले। प्रसाद और उनके सैकड़ों समर्थक उसके बाद शहर के केंद्र डाक बंगला चौक की ओर बढ़े और रास्ते में बंद कराते रहे। प्रसाद ने कहा, हमारा उद्देश्य सामाजिक आर्थिक जातिगत जनगणना के आंकडे जारी करने की मांग करना और भाजपा को सत्ता से हटाना है। ‘भाजपा हटाओ, देश बचाओ’ क्योंकि ये ‘भारत जलाओ पार्टी’ है। बंद भारी सफल रहा है। मैंने अपने जीवन में जेपी आंदोलन को छोड़कर इस तरह का बंद नहीं देखा। राजद प्रमुख ने राज्य में कहीं भी अपने पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा किसी अप्रिय घटना से इनकार किया और जोर देकर कहा कि युवाओं ने भाजपा की हवा निकाल दी है। उन्होंने इसके साथ ही नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के पद से हटाने का आह्वान किया। अधिकारियों ने कहा कि राजद की ओर से आहूत बंद के दौरान दुकानें बंद रहीं, कालेजों और शैक्षिक संस्थानों को जबर्दस्ती बंद कराया गया, राष्ट्रीय राजमार्गों सहित सड़कों को बाधित किया गया और वाहनों पर हमले किये गए। अधिकारियों ने बताया कि राज्य की राजधानी पटना में बड़ी संख्या में लाठियों से लैस राजद समर्थकों को व्यस्त स्थानों पर टायर और बांस जलाते देखा गया। उन्होंने इसके साथ ही कक्षाएं बंद करायीं और पटना विश्वविद्यालय से संबद्ध कालेजोंं को जबर्दस्ती बंद कराया गया। पूर्व मध्य रेलवे :ईसीआर: के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी :सीपीआरओ: अरविंद कुमार रजक ने कहा, राज्य में कुछ स्थानों से बंद समर्थकों द्वारा रेल सेवाओं को बाधित करने की सूचना आ रही है। रजक ने कहा कि दरभंगा जिले में कमतौल रेलवे स्टेशन के पास दरभंगा..सीतामढ़ी खंड पर रेल सेवाओं को बाधित करने की खबरें मिली हैं। पटना…रांची जनशताब्दी एक्सप्रेस को जहानाबाद स्टेशन पर रोका गया जबकि हटिया..इस्लामपुर एक्सप्रेस को पटना जिले के दनियावां के पास रोका गया। राजद कार्यकर्ता शेखपुरा और मधेपुरा में रेलवे पटरियों पर बैठ गए जिससे ट्रेनों का आवागमन प्रभावित हुआ। यद्यपि प्रसाद ने कुछ दिनों पहले बिहार बंद का आह्वान करते हुए अपने समर्थकों से कहा था कि वे बंद लागू कराते समय ट्रेनों को बाधित नहीं करें लेकिन उनकी इस बात का उनके समर्थकों पर कोई असर नहीं हुआ। बंद को जदयू और सपा की ओर से समर्थन मिला क्योंकि उनके समर्थक भी राज्य की राजधानी पटना में कुछ स्थानों पर बंद लागू कराने में शामिल हुए। पटना में कार्यालय जाने वालों को जबर्दस्ती वापस भेज दिया गया। सड़कोें
पर चलने वाली कार, आटोरिक्शा और साइकिल रिक्शा को क्षतिग्रस्त किया गया और उनके टायरों की हवा निकाल दी गई। आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी मुकेश कुमार सिंह की कार को कुछ लोगों ने उस समय क्षतिग्रस्त कर दिया जब वे अपने कार्यालय जा रहे थे। जिलों से प्राप्त आधिकारिक जानकारी में बताया गया कि जिलों में राष्ट्रीय राजमार्ग 31, 83 और 110 को कई स्थानों पर बाधित किया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, गोपालगंज, अरवल, शिवहर, पूर्वी चम्पारण, पूर्णिया, कटिहार, अररिया, किशनगंज, गया में दिन भर के बंद का प्रभाव रहा।
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