एक दूसरे पर तंज की सियासत

pm narendra modi with nitish kumar in biharपटना। बिहार दौरे पर आए पीएम नरेंद्र मोदी ने मुजफ्फरपुर में एनडीए की परिवर्तन की रैली को संबोधित किया। रैली से पहले उन्होंने पटना में बिहार के सीएम नीतीश कुमार के साथ एक मंच पर थे। पटना में जहां मोदी और नीतीश खुले दिले से मिले और मुस्कराए। वहीं रैली में पहुंचते ही पीएम ने सीएम पर तंज कसते हुए निशाना साधा। मोदी नीतीश कुमार का नाम लिए बगैर कहा, समझ सकता हूं कि मेरा चेहरा पसंद न आता हो। लेकिन मैं इतना बुरा था तो कमरे में आकर एक चांटा मार देते, गला घोंट देते। गुस्से में आ कर पूरे विकास यात्रा का गला घोंट दिया? थाली ही छीन ली? अगर ऐसे लोग सरकार बनाएंगे और दिल्ली से कोई नाता ही नहीं रहेगा तो बिहार का भला होगा क्या? क्या एक सरकार दूसरी सरकार से लड़ती रहे तो राज्य का विकास होगा? लड़ाई वाली सरकार चाहिए या कंधे से कंधा मिला कर चलने वाली सरकार चाहिए?
मोदी ने कहा कि बिहार की जनता से वाादा किया गया था कि अगर आपके घर बिजली नहीं आई तो वोट मांगने नहीं आएंगे। लेकिन वे वादे को भूल गए। मोदी ने यह भी कहा- जो कभी मेरे ट्वीट का मजाक उड़ाते थे, मुझसे कहते थे कि बिहार मत आओ, आज उन्होंने मेरा स्वागत किया। जीतनराम मांझी को हटाए जाने का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश का डीएनए ही गड़बड़ है। मोदी ने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद को भी आड़े हाथ लिया। बोले- आरजेडी यानी रोजाना जंगलराज का डर।
मोदी ने कहा- यहां के नेता ट्वीट का मजाक उड़ाते थे। …मेरा मजाक उड़ाते थे। आज उन्होंने भी चहकने का रास्ता पंसद किया है। उन्होंने (नीतीश ने) ट्वीट किया कि आप (पीएम) 14 महीने बाद बिहार आ रहे हैं, आपका स्वागत है। मुख्यमंत्री जी! स्वागत के लिए मैं बहुत आभारी हूं। वक्त कैसे बदलता है। बदले हुए वक्त का अंजाम कैसा होता है? यह देखिए। वे कहा करते थे कि हमारे पास एक मोदी है। दूसरे मोदी की क्या जरूरत है? आप बिहार मत आइए। आपको बिहार आने की क्या जरूरत? आज देखिए अपनों का विरह कितना परेशान, बैचेन करता है। पिछले 10 साल जो पीएम थे वो 10 साल में एक बार हवाई निरीक्षण करने आए थे। मेरा 14 महीने का विरह भी यहां के सीएम को दुखी कर रहा है, परेशान कर रहा है। मोदी ने कहा कि क्या राजनीति में इतनी छुआछूत होती है? टेबल पर परोसी हुई थाली खींच लेना? इससे बहुत ठेस लगी थी। लेकिन जब जीतन राम मांझी पर जुल्म हुआ तो मैं बेचैन हो गया। एक चाय वाले के बेटे की थाली खींच ली तो क्या हुआ? लेकिन जब महादलित की थाली खींच ली तो मुझे लगा कि इनके डीएनए में ही गड़बड़ी है।

लालू पर निशाना- जनता को तो जहर पीने के लिए मजबूर मत करो
नीतीश ने हाल ही में एक ट्वीट किया था- जो रहीम उत्तम प्रकृति, का करी सकत कुसंग चंदन विष व्यापत नहीं, लिपटे रहत भुजंग। इसे नीतीश का लालू के लिए लिखा गया ट्वीट माना गया। इस पर मोदी ने कहा- लालू आपने तो जहर पीया, क्योंकि आपका स्वार्थ है। लेकिन यदुवंशियों को क्यों पीछे छोड़ा? कौन सांप है, कौन सांप नहीं है, यह तुम दोनों तय कर लो। जहर कौन पीता है, कौन पिलाता है, यह भी तय कर लो। लेकिन बिहार की जनता को जहर पीने के लिए मजबूर मत करो। आज मैं आग्रह से कहने आया हूं। बिहार को हम ऐसे तत्वों पर नहीं छोड़ सकते। दोबारा जंगलराज नहीं आने देंगे। यह आरजेडी का पूरा अर्थ मालूम है? मैं बताता हूं- रोजाना जंगलराज का डर।

नीतीश का पटलवार
रेली में मोदी के प्रहार पर पलटवार करते हुए बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा, मैंने कभी नहीं कहा था कि अगर बिजली नहीं आई तो वोट मांगने नहीं आऊंगा। नीतीश ने कहा, बिहार में पहले से ही गांवों में बिजली की सप्लाई सुधारने के लिए काम हो रहा है। बिजली की स्थिति में सुधार आया है। इसीलिए जब मुजफ्फरपुर की रैली में प्रधानमंत्री ने बिजली के बारे में बोला तो लोगों ने उन्हें रेस्पॉन्स नहीं दिया। बरौनी में 110 मेगावॉट बिजली की परियोजना है, लेकिन भेल काम नहीं कर रहा है। नीतीश ने कहा अगर बिजली के ही मुद्दे पर चुनाव लड़ना है तो लड़ लीजिए। आज बिहार के डिस्ट्रिक हेडक्वॉर्टरों पर 20 घंटे बिजली आ रही है। नीतीश ने कहा, 2013 में पीएनजी की योजना घोषित हो चुकी थी। प्रधानमंत्री ने उससे आगे कुछ नहीं बताया। दानापुर और क्यूल के बीच रेल लाइन बिछने से दूरी घटेगी। यह तीसरी लाइन के रूप में काम करेगी। इसके लिए कैबिनेट में भी जाने की जरूरत नहीं थी। रेलवे विकास निगम को बनाना है, लेकिन उनके पास पैसा नहीं है। मैंने उनसे इसके बारे में पूछा तो कुछ नहीं बोले।
बाद में मुख्यमंत्री ने फेसबुक पर प्रधानमंत्री से सवाल पूछने के पहले यह लिखा कि हम कृतज्ञ हैं कि मोदी जी ने 14 महीने बाद बिहार के लिए समय निकाला। लोग और अधिक वादे सुनने को तैयार रहे पर पुराने वादों का क्या हुआ? मैं सात महत्वपूर्ण मुद्दों को उठा रहा हूं। इनमें दो विशेष रूप से बिहार से संबंधित हैं और मेरी समझ से शेष पांच का उत्तर देश भर के लोग प्रधानमंत्री से सुनना चाहते हैं।
सवाल यूं हैं-
1. आपकी सरकार में देश के कुछ पूंजीपतियों का भला जरूर हुआ लेकिन सब यह जानना चाहते हैं कि देश की जनता का अच्छे दिन आने का इंतजार कब खत्म होगा?
2. लोगों को इंतजार है पंद्रह से बीस लाख पाने का। आपने वादा किया था कि विदेशों में जमा कालाधन को वह वहां से लाएंगे और इतनी राशि लोगों को मिलेगी। क्या हमलोग इस पर भी कुछ सुन सकेंगे?
3.पहले न्यूनतम समर्थन मूल्य पर यू टर्न और फिर किसानों के प्रति ज्यादती और आखिर में आपका नया भूमि बिल। क्या यही किसानों के साथ आपके किए गए वादे हैं?
4. 2022 तक सबको घर और घरों में बिजली और पानी-आपका सपना जो बन गया सबका सपना, अब तक न संसाधन न कोई योजना।
5. जन धन योजना का आरंभ ऐसा किया मानो लोगों के खाते नहीं तकदीर खुल रही हो। आज 70 प्रतिशत से ज्यादा खाते निष्क्रिय हैं और इन खातों के माध्यम से देश के सबसे गरीब तबके को बैंकिंग व्यवस्था से जोड़कर इनकी मदद किस तरह से की जाएगी, यह किसी को पता नहीं।
6. आपने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने का वादा किया था। चौदह महीने हो गए हैं और लोग आज तक इसका इंतजार कर रहे हैं।
7. चौदहवें वित्त आयोग की रिपोर्ट के साथ तथा बीआरजीएफ को वापस लिए जाने के बाद बिहार को 50 हजार करोड़ का नुकसान हुआ। क्या यही कोआॅपरेटिव फेडरलिज्म है?

पढ़िए दोनों के भाषण के ये कुछ अंश…
नीतीशः मेरा पीएम और रेलमंत्री से एक व्यक्तित अनुरोध है। मोदी जब गुजरात में थे, जब रेलमंत्री के रूप में कई बार आपके साथ कार्यक्रम में शिरकत की। आज दनियाबा-बिहार शरीफ रेल खंड का उद्घाटन हो रहा है, यह बहुत पहले से बन रहा था। सच पूछिए तो अगर अटल सरकार के समय 6 महीने पहले चुनाव न कराए जाते तो 2004 में यह चालू हो जाता है।
मोदी का जवाबः विकास के कामों में राजनीति कितना नुकसान करती है, इसका ब्योरा आदरणीय मुख्यमंत्री ने विस्तार से दिया। अटल जी के समय में जो काम 6 महीने मिलता तो पूरा हो जाता, उसे पूरा होते-होते आज 2015 आ गया। मैं नीतीश जी की बात से सहमत हूं अगर अटल जी की सरकार 6 महीने और रहती तो काम हो जाता। लेकिन उसके बाद सरकार बदल गई और रेल मंत्री ऐसे आए कि काम रोक दिया गया और हमारे आने के बाद उसे चालू किया गया। इसे नुकसान बिहार का हुआ। नीतीश जी की व्यथा के साथ मैं अपना स्वर मिलाता हूं।
नीतीशः आईआईटी पटना ने काम 2008 से करना शुरू कर दिया। हमने काफी अच्छी जगह आईआईटी को दी। राज्य सरकार ने आईआईटी पटना की 500 एकड़ जमीन की मांग पूरी की। पीएम से मेरा निवेदन है कि आईआईटी की ब्रांच बढ़ाई जाए। इसमें एग्रीकल्चर, फूड, आर्किटेक्चर, प्योर साइंस, एमबीए, जल विज्ञान, भूकंप की पढ़ाई भी शुरू की जाए।
मोदी का जवाबः नीतीश जी ने बड़ी अच्छी बात बताई कि हमें आईआईटी की स्थानीय क्षमता के अनुसार नई फैकल्टी लानी चाहिए। यह होगा। हम तो कोशिश यह कर रहे हैं कि दुनिया की टॉप क्लास की फैकल्टी को भारत लाया जाए। अब राज्य के मन के मुताबिक केंद्र को ढलना चाहिए यह मेरी सोच है, मैं उसी को आगे बढ़ा रहा हूं।
नीतीशः गेल इंडिया के पाइपलाइन बिछाने की शुरूआत हो रही है। 2013 में 23 अक्टूबर को बिहार सरकार का समझौता शुरू हो गया। जब रामविलास पासवान केंद्र में उर्वरक मंत्री थे उस समय ही बरौनी में फर्टिलाइजर कारखाने को फिर से चालू करने की बात हुई। उसके लिए राज्य सरकार ने 300 करोड़ रुपये का बिजली का बिल तक माफ किया था।
मोदी का जवाबः जैसा नीतीश जी ने कहा कि बिजली का पैसा तक माफ कर दिया खाद कारखाने का। उस समय हमारे सुशील जी आया करते थे कि हमसे 300 करोड़ क्यों ले रहे हो? तब सुशील मोदी वित्त मंत्री हुआ करते थे। 10 साल बाद भी खाद का कारखाना शुरू करने की याद किसी को नहीं आई। क्या गुनाह था बिहार का? हमने तय किया है कि बिहार का कारखाना हम शुरू करेंगे।

रोजाना डर पार्टी कहने पर लालू का पलटवार कहा- बीपेजी है भारत जलाओ पार्टी
राजद अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने प्रधानमंत्री के भाषण के बाद उन पर पलटवार करते हुए कहा है कि राजद को जंगलराज पार्टी बताने वाली भाजपा भारत जलाओ पार्टी है। लालू ने मोदी पर पलटवार करते हुए कहा कि बिहार में सबसे ज्यादा हम ताकतवर हैं तो भाजपा किसे अपना निशाना बनाएगी। पटना में पत्रकारों से बात करते हुए लालू प्रसाद ने यह बातें कही। लालू ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में यादवों को अपमान किया है। इस मामले को हम हर घर में ले जाएंगे। इस मामले पर यादवों को एकजुट कर बताएंगे कैसे नरेंद्र मोदी उनका अपमान कर रहे हैं। लालू प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री के मुंह से इस प्रकार जाति सूचक शब्द का प्रयोग करना शोभा नहीं देता। लालू ने कहा नरेंद्र मोदी गुजरात में 12 सालों तक राज कर वहां विकास तो किया नहीं, सिर्फ गुजरात को दंगों की आग में जलाया। ऐसे लोग बिहार का क्या विकास करेंगे। लालू प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के डीएनए का मुद्दा उठाकर जता दिया है कि वे कितनी छोटी सोच के व्यक्ति हैं। इस प्रकार की ओछी भाषा के प्रयोग की उम्मीद देश के प्रधानमंत्री से लोगों को नहीं थी। प्रसाद ने कहा मेरे परिवार के लिए उन्होंने जहर शब्द का प्रयोग कर मेरा अपमान किया है। बिहार के विशेष पैकेज पर लालू ने कहा कि राबड़ी देवी जब बिहार की मुख्यमंत्री थी तो उन्होंने केन्द्र सरकार से एक लाख अस्सी हजार करोड़ की पैकेज की मांग की थी, लेकिन तब के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने एक पैसा नहीं दिया था।






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