बुनकरों के गांव में मिलजुल कर पढ़ाई से 18 विद्यार्थी आईआईटी के लिए पास
गया। बिहार में 10वीं की बोर्ड परीक्षा के दौरान नकल की एक तस्वीर दुनिया भर में वायरल हुई थी। इस तस्वीर के आधार पर बिहार की शिक्षा व्यवस्था की जमकर आलोचना हुई। दूसरी तरफ आईआईटी के नतीजे आने के बाद बिहार की एक दूसरी तस्वीर भी सामने आती है। पटना में गणितज्ञ आनंद कुमार द्वारा संचालित सुपर 30 के छात्र हर साल मिसाल कायम कर रहे हैं। सुपर 30 किसी भी पहचान के लिए मोहताज नहीं है। लेकिन बिहार का एक गुमनाम इलाका अपने मेहनती और प्रतिभाशाली बच्चों के कारण चर्चा में है।
दक्षिण बिहार के गया स्थित बुनकरों के एक गांव से 18 बच्चे उन 26,000 बच्चों में शामिल हैं, जिन्होंने आईआईटी (इंडियन इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी) में सफलता के झंडे गाड़े हैं। यही नहीं पहली बार इस गांव की लड़की भी सफल उम्मीदवारों की लिस्ट में शामिल हुई है।
सफल छात्रों में से एक राहुल कुमार ने बताया कि यहां पढ़ाई के लिए बहुत अच्छा माहौल है। अगर कोई कठिनाई आती है तो सभी एक-दूसरे की मदद करते हैं। 10,000 लोगों के इस गांव में ज्यादातर घरों में हथकरघा से काम होता है। इनके शोर और विपरीत परिस्थितियों के बीच भी ए बच्चे कामयाबी की ओर बढ़Þने में सफल रहे।
आईआईटी में सफल एक छात्र के पिता योगेश्वर प्रसाद ने बताया कि हथकरघा उद्योग की खराब स्थिति के चलते लोगों ने अपने बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक करना शुरू किया। देखिए इसका परिणाम सामने है। जिन बच्चों ने पहले आईआईटी की परीक्षा पास की, वे भी गांव आते हैं और बच्चों को सिखाते हैं। इसके लिए एक एनजीओ भी काम कर रहा है।
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