चुनाव में सुरक्षा की चिंता: हर महीने करवाई जा रहीं सौ गाड़ियां बुलेट प्रूफ
गणेश कुमार मेहता, मुजफ्फरपुर।
विधान सभा चुनाव के दौरान सुरक्षा की चिंता नेताओं को सता रही है। यही वजह है वे धड़ल्ले से अपनी गाड़ियां बुलेट प्रूफ कराने के साथ-साथ बुलेट प्रूफ जैकेट खरीद रहे हैं। हालत ए है कि मेरठ स्थित कंपनी में चार महीने से केवल बिहार के ही आर्डर लिए जा रहे हैं। हर महीने औसतन 90 से 100 लक्जरी गाड़ियां बुलेट प्रूफ की जा रही हैं। गौरतलब है कि ए कंपनी गाड़ियों बुलेट प्रूफ बनाने वाली उत्तर भारत की अकेली कंपनी है। बुलेट प्रूफ बनाने के लिए यूं तो सूबे के लगभग सभी जिलों से गाड़ियां पहुंच रही है। मगर सबसे अधिक पटना, सीवान, बेगूसराय, मुजफ्फरपुर और पूर्णियां जिले की गाड़ियां कंपनी में पहुँची हैं। कंपनी के अनुसार बिहार के नेता गाड़ियों को बुलेट प्रूफ करवाने के साथ साथ बुलेट प्रूफ जैकेट भी खूब खरीद रहे हैं। हर महीने करीब 100 जैकेट बिक रही हैं, जिसकी कीमत कम से कम 1.50 लाख रुपए है जबकि एक गाड़ी को बुलेट प्रूफ बनाने में 15 से 22 लाख रुपए का खर्च आ जाता है।
मेरठ स्थित एजेंसी के पास बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, सहित 15 से अधिक राज्यों का निजी काम काम है। लेकिन इन दिनों कम्पनी सिर्फ बिहार के आर्डर ही पूरे कर पा रही है। कंपनी ने दूसरी जगहो के आर्डर लेने बंद कर दिए हैं। यह सिलसिला फरवरी से शुरू हो गया था और सितम्बर तक की बुकिंग लगभग पूरी हो चुकी है। बुलेट प्रूफ कराई जाने वाली गाड़ियों में 70 फीसदी स्कॉर्पियो का नया मॉडल है जबकि 20 फीसदी फॉरच्यूनर और बाकी पजेरो, सफारी व स्टॉर्म वगैरह हैं।
औसतन खर्च आता है 15 से 22 लाख रुपए
स्कॉर्पियो 15 से 17 लाख
फॉरच्यूनर 17 से 19 लाख
पजेरो 20 से 22 लाख
सफारी 18 से 20 लाख
हैंड ग्रेनेड तक झेल लेंगी गाड़ियां
पहले जो गाड़ियां बुलेटप्रूफ की जाती थीं, उनमें केवल गोलियां झेलने में सक्षम होती थीं। अब एचपी-36 जैसे हैंड ग्रेनेड का भी इन पर असर नहीं होता है। साथ ही एके 47, एसएलआर, 30 स्प्रिंग राइफल जैसे हथियारो से जूझने की क्षमता तो होती ही है। अब इनमें बॉडी, फ्लोर और शीशे के साथ रेडिएटर, बैट्री और टायर भी बुलेट प्रूफ किए जा रहे हैं। गाड़ी बुलेट प्रूफ कराने के लिए एसएसपी की अनुमति की जरूरत होती है। मगर विकल्प के तौर पर इंटेलिजेंस की रिपोर्ट भी मान्य होती है।
मेरठ स्थित बीएस बुलेटपू्रफ सिस्टम के एमडी बलविंदर शेखू का कहना है कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान हर बार कारोबार कई गुना बढ़Þ जाता है मगर इस बार कुछ ज्यादा ही बढ़Þा है। औसतन हर महीने बिहार की सौ गाड़ियां बुलेटप्रूफ की जा रही हैं। सितम्बर तक की बुकिंग हो चुकी है। अन्य जगहों का काम बंद या कम कर दिया गया है।
साभार-हिन्दुस्तान
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