Wednesday, May 20th, 2015
जाति आरक्षण के दो छोर
संजय स्वदेश जैसे-जैसे सरकारी नौकरियों के अवसर घटते और प्रतिस्पर्धा बढ़ती जा रही है, आरक्षण का विरोध तेज हो रहा है। जब सोशल मीडिया नहीं था तब सरकार बीच-बीच में आरक्षण के शिगुफे छोड़ती थी, ऐसे में आरक्षण विरोधी चंद घंटे के लिए या कहे तो एक दिवसीय आंदोलन देश के किसी इलाके में दिख जाते थे। मेरिट की दुहाई दी जाती थी। अब सोशल मीडिया आ गया है, तो यहां कई गु्रप आरक्षण को कोसने में लगे हैं। परंपरागत सामाजिक परिवेश के किसी ताने बाने के किसी अंश कोRead More
पूरबिया-पुराण: ये ‘पूरबिया’ कौन हैं भाई?
रतन लाल बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश से आए हुए प्रवासियों को दिल्ली में ‘पूरबिया’ कहते हैं. मुंबई में यही लोग आमतौर से ‘भैया’ कहलाते हैं. दिल्ली और मुंबई दोनों जगहों पर पूर्वांचल के नाम पर कई संगठन हैं और इस नाम पर राजनीति बदस्तुर जारी है. मुंबई के बारे में विशेष जानकारी नहीं है, लेकिन दिल्ली में पिछ्ले चौबीस वर्षों से हूँ, इसलिए आँखों देखा हाल प्रस्तुत है: बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में सामंतों के उत्पीड़न, शोषण और दमन के चलते सबसे पहले खेतिहर मजदूर, गरीब और दलित-पिछड़ोंRead More
बहू बजार की मंडी में बिहार की बेटियां
राजस्थान, हरियाणा में शादी के लिए बेची जा रही हैं बिहार की लड़कियां बिहार कथा.पटना/जयपुर। बिहार के विभिन्न जिलों में मानव तस्करों का एक ऐसा नेटवर्क है जो यहां के गरीब व पिछड़े तबके की लड़कियों को फंसा कर रोजस्थान में हरियाणा और राजस्थान में बेच देते हैं। जहां इन लड़कियों की शादी करा दी जाती है और फिर जब वे मां बन जाती है तो बच्चे को रेख कर उन्हें किसी दूसरे के यहां बेच दिया जाता है। दरअसल राजस्थान और हरियाणा के कुछ इलाकों में लड़कियों की संख्याRead More