Friday, May 1st, 2015
यहां चौक-चौराहों पर लगती है मजदूरों की मंडी!
मुकेश सिन्हा, छपरा. सारण। शहर में कई स्थानों पर प्रतिदिन मजदूरो की बोलिया लगती है उतार चढाव के बीच जिनकी बोली पट जाती है उस दिन के लिए वह मजदूर बिक जाता है। बोली लगने और बिकने का यह खेल प्रतिदिन चलता है। रोजी और रोटी के चक्कर में बेबस मजदूर की जिन्दगी की गाड़ी वर्षों से ऐसे ही चलती आ रही है। उसे यह भी नहीं मालूम की वर्ष में एक दिन ऐसा भी है जो विशेष रूप से मजदूरों के लिए बना है, लेकिन पेट की आग सेRead More
हाईकोर्ट तक जा सकता है हथुवा बाजार का विवाद
बिहार कथा. हथुवा, गोपालगंज। हथुआ के स्थानीय बाजार के व्यवसायियों से ठेकेदार द्वारा कौड़ी वसूलने को लेकर शुरु हुआ विवाद भले ही कुछ दिनों के लिए शांत हो गया हो, लेकिन अंदरखाने की हकीकत यह है कि यह विवाद अंदर ही अंदर जटील होता जा रहा है। विवाद हाईकोर्ट तक पहुंच सकता है। फिलहाल बाजार में सैरात की जमीन की नापी अंचल पदाधिकारी दिव्यराज गणेश की देखरेख में हो रही है। अब तक नापी में अनेक दुकानदारों की जमीन सैरात में आने की बात कही जा रही है। इस बाबतRead More