नियोजित शिक्षकों को नया वेतन 1 जुलाई से
पटना। शिक्षा मंत्री प्रशांत कुमार शाही ने कहा है कि नियोजित शिक्षकों की नियुक्ति भी हमारी सरकार ने की है और इन्हें वेतनमान भी हम ही देंगे। सेवा शर्तों की त्रुटियां भी हमारी ही सरकार दूर करेगी। 1 जुलाई के प्रभाव से राज्य के नियोजित शिक्षकों को नया वेतन मिलने लगेगा। शिक्षा मंत्री ने ये घोषणाएं गुरुवार को नियोजित शिक्षक संघों के साथ बैठक में की। श्री शाही ने कहा कि मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह की अध्यक्षता में गठित वेतनमान कमेटी अगले 10-12 दिनों में अपनी अनुशंसाएं सरकार को देगी। इन अनुशंसाओं के प्रस्ताव पर जून माह में राज्य मंत्रिमंडल का अनुमोदन होगा। मंत्री ने आश्वासन दिया कि मुख्य सचिव की कमेटी की अनुशंसाएं नियोजित शिक्षकों के मनोनुकूल होने की संभावना है। सरकार सकारात्मक सोच के साथ निर्णय लेगी। श्री शाही ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नियोजित शिक्षकों के मसले पर संवेदनशील हैं, तभी तो उन्होंने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में वेतनमान कमेटी गठित की है। नियोजित शिक्षक भी हमारे अपने हैं और राज्य के निवासी हैं। जो सरकारें राज्यवासियों के हित में नहीं सोचती है, उसका हश्र हम सबको पता है। लेकिन यह मुश्किल स्थिति है। मैं शिक्षा विभाग के सभागार में बैठकर यह घोषणा नहीं कर सकता कि नियोजित शिक्षकों को आज से वेतनमान दे देंगे, या कल से देंगे।
वेतनमान कमेटी कर रही है काम
उन्होंने कहा कि वेतनमान कमेटी सार्थक और सकारात्मक रूप से काम कर रही है। कई चीजों को देखना होगा। नियोजित शिक्षकों को वेतनमान देने से राज्य के खजाने पर कितना बोझ आएगा। राशि का प्रबंध कहां से होगा? कमेटी की जो अनुशंसा होगी राज्य सरकार और शिक्षा विभाग की ओर से उसे लागू किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि सर्वशिक्षा अभियान की राशि में यूपीए सरकार में केन्द्रांश 65 जबकि राज्यांश 35 फीसदी था। मौजूदा सरकार केन्द्रांश 35 फीसदी करने वाली है। राज्य सरकार 50:50 का भी मन बना चुकी है। यह पहली बार हुआ है कि मई का पहला सप्ताह बीत गया और सर्वशिक्षा अभियान की पहली किस्त बिहार को नहीं मिला है।
श्री शाही ने कहा कि 18 फरवरी के पहले जैसा (मांझी सरकार) निर्णय तो हम एक मिनट में ले लेंगे। लेकिन इस प्रकार की अधिसूचना या कागजी घोषणा का कोई मतलब नहीं रहता। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने नियोजित शिक्षकों के साथ ही 29 ऐसे फैसले किए जिसमें कार्यपालिका नियमावली का पालन नहीं हुआ था।
शिक्षा मंत्री ने फिर की अपील
शिक्षा मंत्री ने सभी शिक्षक संघों से अपील की है कि वे राज्य के 14 लाख मैट्रिक परीक्षार्थियों के भविष्य के मद्देनजर मूल्यांकन कार्यों में सहयोग करें। सरकार से अधिक उनके भविष्य की चिंता शिक्षकों को होगी। रिजल्ट प्रकाश में देर होने पर विद्यार्थियों का एक साल बर्बाद हो जाएगा।
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