इस झरने में नहाकर, शरीर में आ जाती है फुर्ती
निरंजन उपाध्याय. बिहार कथा
चंद्रमंडीह.जुमई। चकाई प्रखंड अतंर्गत पौझा पंचायत के बटिया जंगल के पहाड़ों में स्थित नारोदह झरना लोगों को बरबस अपनी और खींचता है। प्राकृतिक उपहार एवं शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध यह झरना धार्मिक एवं ऐतिहासिक दृष्टिकोण से भी काफी महत्वपूर्ण है। यह जल प्रपात झारखंड के गिरीडीह की पहाड़ी एवं जंगली क्षेत्रों से बहता हुआ पौझा जंगल की पहाड़ी की उंचाई से गिरकर नारोदह जलाशय का रूप लेता है, जहां मुख्यधारा गिरकर अनुपम छटा बिखेरती है। स्थानीय लोगों के अनुसार नारोदह झरने का पानी में औषिधीय गुण पाया जाता है, यहां स्नान करने से शरीर में अजीब सी फुर्ती महसूस होती है।
आज से एक दशक पूर्व में नारोदह झरना पर काफी संख्या में जिले के पर्यटक आकर प्रकृति प्रदत इस जलाशय का जी भर कर आनंद उठाते थे, लेकिन इधर कुछ वर्षोँ से सुरक्षा के ख्याल से लोग यहां पर कम आते हैं। फिर भी लोगों का आना कमोवेश आज भी जारी है। स्थानीय निवासी खुर्शिद आलम एवं सोमरा मरांडी ने बताया कि नववर्ष, मकर संक्राति, गर्मी छुट्टी आदि के दिनों में क्षेत्रीय लोग यहां पहुंंचकर झरने का आनंद लेते हैं। खूबसूरत पहाड़ों पर औषधीय पेड़ पौधों का भंडार है, वहीं गुणवता के दृष्टिकोण से यहां पाए जाने वाले अबरख अन्य जगहों की तुलना में ज्यादा उपयोगी माना जाता है। पर्यटकों को नारोदह झरना पहुंचने के लिए एक किलोमीटर पैदल पथरीली एवं जंगली रास्तों से गुजरना पड़ता है। यदि पर्यटन विभाग यहां जाने के लिए सड़क एवं रहने के लिए धर्मशाला सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराय तो यह जमुई जिले के लिए अच्छा पर्यटक स्थल बन सकता है।
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