लालू यादव का बेटा होगा उनका उत्तराधिकारी
कुमार अभिषेक
पटना में रविवार को आरजेडी की कार्यकारिणी बैठक के दौरान पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने संकेत दिए हैं कि उनका उत्तराधिकारी उनका बेटा होगा. हालांकि उन्होंने इस दौरान दोनों बेटों में से किसी एक का नाम नहीं लिया. सूत्रों के मुताबिक पप्पू यादव ने कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी के उत्तराधिकारी की चर्चा की शुरू की थी. जनता परिवार विलय पर बोलते हुए पप्पू यादव ने पार्टी की कमान युवा चेहरे को देने की वकालत की तो लालू ने भी कार्यकारिणी में साफ कर दिया कि ‘जब उत्तराधिकारी की बात आती है तो वो बेटा ही होता है.’ साफ है, लालू ने एक तरफ विलय को हरी झंडी दी तो पार्टी के सामने उत्तराधिकारी की चर्चा को भी हमेशा के लिए खत्म करने की कोशिश की है.
लालू प्रसाद के रहते RJD में नंबर 1 की तलाश क्यों?
जैसे जैसे जनता परिवार विलय की ओर आरजेडी के कदम बढ़ रहे हैं, वैसे वैसे यह सवाल भी तेजी से उठ रहे हैं कि लालू प्रसाद का उत्तराधिकारी कौन होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि लालू प्रसाद खुद चारा घोटाला मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद चुनाव नहीं लड़ सकते. इसलिए यह तय करना मुश्किल हो रहा है कि जनता परिवार और नवंबर में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी का चेहरा कौन होगा.
क्या भाईयों को टक्कर दे रही हैं मीसा भारती!
वैसे तो 2010 बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान ही लालू यादव ने ऐलान कर दिया था कि उनके सबसे छोटे बेटे तेजस्वी यादव उनके उत्तराधिकारी होंगे. उस दौरान तेजस्वी ने पार्टी के लिए धुंआधार प्रचार किया और पिता के साथ मंच पर नजर आए. उसवक्त उन्होंने कहा था कि तेजस्वी की चुनाव लड़ने की उम्र नहीं है. साल 2014 के आम चुनाव में लालू प्रसाद ने बड़ी बेटी मीसा भारती को उम्मीदवार बनाया. हांलाकि उनका पॉलिटिकल डेब्यू खराब रहा. लेकिन ऐसी खबरें भी आईं कि अगर बिहार में जेडीयू-आरजेडी की सरकार बनी तो मीसा भारती को उप मुख्यमंत्री का पद मिलेगा. लेकिन इन सबके बीच अगर सूत्रों की माने तो राबड़ी देवी चाहती हैं कि उनके बड़े बेटे तेज प्रताप को लालू यादव अपना उत्तराधिकारी बनाएं.
खबरों की माने तो तेज प्रताप और तेजस्वी सोनपुर और राघोपुर से बिहार विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं. लेकिन असली लड़ाई परिवार के अंदर नंबर-1 के ताज को लेकर होने वाली है.
रविवार को लालू यादव ने जो टीजर छोड़ा है उसके बाद कयास यही लगाए जा रहे हैं कि उत्तराधितारी के मामले में ‘किंगमेकर’ लालू प्रसाद अपने समधी और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव की राह पर निकल पड़े हैं. मुलायम सिंह ने भी अपने बड़े बेटे अखिलेश यादव को अपनी राजनीतिक विरासत सौंपी और उन्हें उत्तर प्रदेश की गद्दी पर काबिज करवा दिया. aajtak.intoday.in
Related News
25 से 30 सांसदों की लालच में कांग्रेस ने लालू को अपना संगठन बेचा : प्रशांत किशोर
संवाददाता, मधुबनी : जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस और भाजपा पर निशाना साधाRead More
जाति आधारित गणना के गर्भ से निकली थी महागठबंधन सरकार
अब सर्वे रिपोर्ट बताएगी उसकी ताकत —- वीरेंद्र यादव, वरिष्ठ पत्रकार —- प्रदेश में जातिRead More
Comments are Closed