‘बड़े भाई’-‘छोटे भाई’ के मिलन से राजग की सेहत पर कोई फर्क नहीं
पटना। केंद्रीय मानव संसाधन राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने पुराने जनता परिवार के विलय की ओर इशारा करते हुए आज कहा कि इसका राजग की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है और प्रदेश में ‘जंगलराज’ की फिर से वापसी नहीं हो, इसके लिए उनकी पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) संकल्पित है। पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में रालोसपा द्वारा आज आयोजित किसान-नौजवान रैली को संबोधित करते हुए कुशवाहा ने कहा कि यह चर्चा में है कि आपलोग एक तरफ सरकार (इस वर्ष के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव बाद) बनाने की बात कर रहे हैं और दूसरी ओर तरह ‘बडेÞ भाई’ :लालू: और ‘छोटे भाई’ (नीतीश) के मिलन की बात हो रही है। उन्होंने कहा कि ‘बडेÞ भाई’ और ‘छोटे भाई’ के मिलन से एनडीए (राजग) की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। खासतौर पर नीतीश जी ने विलय नहीं ‘विलीन’ होने का फैसला किया है। उन्होंने जदयू के अब व्यक्ति विशेष के जेब की पार्टी बनकर रह जाने का आरोप लगाया । कुशवाहा ने कहा कि इस विलय के कारण जो लोग अपनी पार्टी के भीतर असहज महसूस कर रहे हैं तथा सम्मान और स्वाभिमान के साथ राजनीति करना चाहते हैं उनके लिए रालोसपा का दरवाजा खुला है। कुशवाहा ने कहा कि रालोसपा समाजवादी नेता और जदयू के संस्थापक जार्ज फर्नांडिस के नीतियों और सिद्धांतों का अनुसरण करने वाली पार्टी है जिन्हें नीतीश जी भूल चुके हैं। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि कई लोग शंका व्यक्त करते हैं कि आप राजग के पार्टनर हैं और धर्मनिरपेक्षता की बात करते हैं। धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय हमारे खून में है। हम चाहे जहां भी रहे, इससे हमें कोई इधर-उधर नहीं कर सकता। कभी नीतीश के विश्वस्त रहे कुशवाहा ने उन पर उन्हें दूध की मक्खी की तरह अपनी पार्टी से निकाल देने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में आज किसानों की स्थिति बद से बदतर हो गयी है तथा प्रदेश में बेहतर शिक्षा व्यवस्था नहीं होने के कारण छात्रों का तथा रोजगार की तलाश में नौजवानों का अन्य राज्यों में पलायन बढ़ा है। उन्होंने प्रदेश में अनाज उत्पादन घटने तथा बेहतर सिंचाई व्यवस्था नहीं होने का आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार में नीतीश सरकार द्वारा बनाए गए कृषि रोडमैप की आधी राशि का भी उपयोग नहीं किया जा सका है तथा किसानों के कल्याण के लिए कें्रद से मिलने वाली राशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जा रही है।
कुशवाहा ने कहा कि नीतीश जी कहते हैं कि उन्होंने भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टोलरेंस की नीति अपना रखी है और अगर ऐसा है तो वे चारा घोटाला के जरिए आलीशान मकान बनाने वालों के मकानों को जब्तकर उसमें स्कूल और अस्पताल खुलावाकर दिखाएं। उन्होंने कृषि क्षेत्र के विकास के लिए अलग से रेल बजट के तर्ज पर कृषि बजट लाए जाने की आवश्यकता जतायी। उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार में मात्र 94 मेगावाट बिजली उत्पादन होने तथा अधिकांश बिजली की आवश्यकता के लिए कें्रदीय पूल पर निर्भरता का आरोप लगाया। कुशवाहा ने आरोप लगाया कि लालू और नीतीश ने अपने 25 सालों के शासनकाल के दौरान किसानों और नौजवानों के लिए कुछ नहीं किया और अब और पांच साल दिए जाने की मांग कर रहे हैं पर प्रदेश की जनता अब उनके बहकावे में नहीं आएगी। रैली को पार्टी सांसद अरुण कुमार, राजस्थान के पार्टी अध्यक्ष संदीप सैनी, झारखंड के अध्यक्ष रूपेश कुमार, हरियाणा के अध्यक्ष राजकुमार गौड, सांसद राम कुमार शर्मा, बिहार विधान परिषद सदस्य संजीव श्याम, राष्ट्रीय प्रधान महासचिव शिवराज सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शंकर झा आजाद, राष्ट्रीय महासचिव राम बिहारी सिंह, फजल इमाम मल्लिक सहित पार्टी के कई अन्य नेताओं ने भी संबोधित किया।
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