50 हजार करोड़ नुकसान की भरपाई करें केंद्र सरकार

nitish with modi

नई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और कहा कि 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों के लागू होने के चलते उनके राज्य को पचास हजार करोड़ रुपये का नुकसान होगा और वह चाहते हैं कि केंद्र इसकी भरपाई करे। मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद नीतीश कुमार ने पहली बार उनसे मुलाकात की। 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए मोदी को भाजपा का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किये जाने के बाद नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने 2013 में भाजपा के साथ अपना 17 साल पुराना संबंध तोड़ लिया था। प्रधानमंत्री के साथ इस मुलाकात के बाद नीतीश ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों के क्रियान्वयन का मुद्दा उठाया और कहा कि इससे राज्य को अनुमानित पचास हजार करोड़ रुपए का नुकसान होगा । उन्होंने कहा कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं में हिस्सेदारी में कमी हुई है। नीतीश ने कहा, कुल मिलाकर यह बिहार को नुकसान है। इसलिए मैंने अनुरोध किया है कि इसके लिए बिहार की भरपाई होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा, दूसरा मुद्दा जो उन्होंने उठाया वह यह था कि वर्ष 2000 में बिहार के बंटवारे के बाद पिछड़ा क्षेत्र अनुदान कोष (बीआरजीएफ) के तहत राज्य को मिलने वाली विशेष सहायता पर भी अब प्रश्नचिन्ह लग गया है। हमारी शंका दूर होनी चाहिए। हमें वह राशि मिलनी चाहिए और भविष्य में भी यह राशि मिलती रहनी चाहिए। मुलाकात के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री ने उन्हें बिहार की मदद करने का आश्वासन दिया है. नीतीश कुमार ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताया कि बिहार की आर्थिक स्थिति काफी खराब है इस कारण बिहार को केंद्र से मदद की उम्मीद है। इसके अलावा नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की भी अपील की।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने  कहा कि 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों के लागू होने के चलते उनके राज्य को पचास हजार करोड़ रुपए का नुकसान होगा और वह चाहते हैं कि केंद्र इसकी भरपाई करे। 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए मोदी को भाजपा का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने 2013 में भाजपा के साथ अपना 17 साल पुराना संबंध तोड़ लिया था।
नीतीश ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों के क्रियान्वयन का मुद्दा उठाया और कहा कि इससे राज्य को अनुमानित पचास हजार करोड़ रुपए का नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं में हिस्सेदारी में कमी हुई है। नीतीश ने कहा, कुल मिलाकर यह बिहार को नुकसान है। इसलिए मैंने अनुरोध किया है कि इसके लिए बिहार की भरपाई होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा, दूसरा मुद्दा जो उन्होंने उठाया वह यह था कि वर्ष 2000 में बिहार के बंटवारे के बाद पिछडा क्षेत्र अनुदान कोष (बीआरजीएफ) के तहत राज्य को मिलने वाली विशेष सहायता पर भी अब प्रश्नचिन्ह लग गया है। हमारी शंका दूर होनी चाहिए. हमें वह राशि मिलनी चाहिए और भविष्य में भी यह राशि मिलती रहनी चाहिए। गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी व नीतीश कुमार के बीच के बीच 34 महीनों बाद यह पहली औपचारिक मुलाकात है। कुछ दिन पहले राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी की शादी में भी नीतीश कुमार और पीएम मोदी के बीच मुलाकात हुई थी, लेकिन वह अनौपचारिक थी।
पीएमओ ने कहा, शिष्टचार भेंट
नीतीश ने कहा कि केंद्र सरकार ने सभी योजनाओं के लिए पहले ही अपनी मंजूरी दे दी है जो राज्य को प्राप्त हुए 12000 करोड़ रुपए से पांच वर्षों में लागू होनी है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने आज की इस मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया। बिहार में नीतीश कुमार द्वारा 23 मार्च को बुलाई गई एक सर्वदलीय बैठक ने वित्त आयोग की सिफारिशों के चलते राज्य को होने वाले तकरीबन पचास हजार करोड़ रुपए के नुकसान के बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखने का फैसला किया था। भाजपा ने इस बैठक का बहिष्कार किया था। इस बैठक ने केंद्र सरकार से यह मांग करने का भी निर्णय किया था कि वित्त आयोग की सिफारिशों के चलते राज्य को होने वाले इस भारी नुकसान की भरपाई केंद्र सरकार करे।
स्वच्छ गंगा बैठक में आए थे पांच राज्यों के सीएम
स्वच्छ गंगा अभियान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आज पांच राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया था। इसी बैठक में भाग लेने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली पहुंचे। बैठक में बिहार के अलावा पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और झारखंड के मुख्यमंत्रियों को भी बुलाया गया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश शुक्रवार को दिल्ली सचिवालय में सीएम अरविंद केजरीवाल से भी मिलने वाले हैं।






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