सुशील के नेतृत्व में भाजपा लड़ेगी बिहार चुनाव
पटना। आगामी विधानसभा चुनाव भाजपा सुशील कुमार मोदी के नेतृत्व में लड़ेगी। रवींद्र भवन में श्री मोदी के संसदीय जीवन के 25 साल पूरा होने पर आयोजित अभिनंदन समारोह में भाजपा के दिग्गज नेताओं ने उनके नेतृत्व, सांगठनिक क्षमता को सराहा। केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि कैलाशपति मिश्र ने भाजपा को वटवृक्ष बनाया, तो सुशील मोदी ने इसे फलदार। उनके नेतृत्व में ही भाजपा सरकार बनाएगी। संसदीय कार्य मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि छात्र आंदोलन से उपजे मोदी में विचारधारा, संगठन व नेतृत्व की क्षमता है। भाजपा के पास देश में नरेंद्र मोदी तो बिहार में सुशील मोदी हैं।
केंद्रीय संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अध्ययन व किसी विषय की गहराई तक जाने में श्री मोदी का जोर नहीं है। सड़क से लेकर सदन तक इन्होंने अपने नेतृत्व का प्रदर्शन किया है। केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता राज्यमंत्री रामकृपाल यादव ने कहा कि संसदीय जीवन में बेदाग रहने वाले मोदी सबों से सौहार्द से पेश आते हैं।
बिहार में भाजपा की सरकार इनके नेतृत्व में ही बनेगी। शाहनवाज हुसैन ने कहा कि श्री मोदी से बिहार की 10 करोड़ जनता को अपेक्षा है। विधान परिषद सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि मोदी को बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में देखने की इच्छा है। परिषद में इनके भाषण की किताब प्रकाशित करवाएंगे।
झारखंड के मंत्री सरयू राय ने मोदी को स्वनिर्मित व्यक्तित्व बताया। प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव ने कहा कि प्रशंसा नहीं करूंगा, क्योंकि इससे उम्र घट जाती है। अभी मोदीजी के साथ काम करना है। विस उपाध्यक्ष अमरेंद्र प्रताप सिंह, पूर्व अध्यक्ष गोपाल नारायण सिंह ने भी मोदी के नेतृत्व की सराहना की।
जब तक रहूं, बिहार की सेवा करता रहूंगा : मोदी
संसदीय जीवन के 25 साल पूरा होने पर पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने अपने अनुभव सुनाए। कहा कि कितने दिनों तक राजनीति करूंगा, कह नहीं सकता। पर मानना है कि 75 के बाद संन्यास ले लेना चाहिए। वैसे जब तक जीवित रहूंगा, बिहार को आगे बढमने के लिए काम करता रहूंगा। आरएसएस में नहीं आता तो यहां नहीं पहुंच पाता। गोविंदाचार्य, कर्पूरी ठाकुर, रामलखन यादव, जगन्नाथ मिश्र जैसे लोगों से सीखा।
विधायक बनने के बाद मुख्य सचेतक, नेता विरोधी दल, सांसद, उप मुख्यमंत्री व प्रदेश अध्यक्ष रहा। संयोग से विधायक व सांसद का टिकट मिला और जीता। स्कू टर पर जनता के बीच गया तो दूसरी बार जीता। संसदीय जीवन में झटका तब लगा जब विधानसभा में आंखों के सामने 13 विधायक राजद में चले गए। राबडम्ी को सीएम बनाया गया तो दो दिनों तक विश्वास नहीं हुआ। 1990 से 2005 का संसदीय जीवन मुश्किलों भरा रहा।
मिली-जुली सरकार में पहाड़ों के खनन पर प्रतिबंध, 500 करोड़ खर्च कर महंगी जमीन पर म्यूजियम बनाना और नीतीश कुमार द्वारा भोज रद्द करना कठिन रहा। इंदिरा गांधी व लालू प्रसाद सत्ता से हटेंगे, यह किसी ने नहीं सोचा था। जनता चाहती है तो सत्ता परिवर्तन होता है। चुनाव में सरकार हारती है और विपक्ष जीतता है।
दो अप्रैल को देवेश भाजपा में
कार्यक्रम का संचालन कर रहे विधान पार्षद देवेशचंद्र ठाकुर ने दो अप्रैल को भाजपा में शामिल होने की घोषणा की। मौके पर पूर्व मंत्री विनय बिहारी, हिन्दुस्तान अवाम मोर्चा के राजीव रंजन व ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू, रालोसपा के संजीव श्याम सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल सिन्हा भी मौजूद थे।
संवेदनशील बनें राजनेता : मृदुला सिन्हा
गोवा की राज्यपाल डॉ. मृदुला सिन्हा ने कहा कि राजनेताओं को संवेदनशील होना चाहिए। हर दन किसी की उपलब्धि नहीं हो सकती। उन्होंने आयोजकों को सुशील मोदी की पत्नी जेसी मोदी को नहीं बुलाने पर टोका। टीका लगाकर लोकगीत के माध्यम से सुशील मोदी को बधाई दी।
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