नीतीश का सहयोगी अनंत सिंह मोकामा का ‘डॉन’,दर्ज हैं 150 मामले
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का करीबी सहयोगी अनंत सिंह अपने ब्लॉग पर खुद को ‘छोटे सरकार’ कहता है। शायद वह यह जताना चाहता है कि उसके द्वारा किए जाने वाले अपराध बुराई के खिलाफ और अच्छाई के हक में होते हैं। न्याय हासिल करने के लिए जहां कई बार अंतहीन प्रतीक्षा करनी पड़ती है, उसने इसे जल्दी हासिल करने का जरिया अपना लिया है और वह जरिया है बंदूकें एवं ङ्क्षहसा। उसने अपने भाई को मारने वाले नक्सलवादी समर्थकों का कत्ल कर दिया था।
मोकामा में इस ‘डॉन’ की समानांतर सरकार चलती है। उसके खिलाफ कई मामले भी सामने आए लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उसने अपनी खुद की एक मलीशिया (निजी सेना) बना रखी है। 2005 में लालू प्रसाद यादव के खिलाफ चुनाव लडऩे के दौरान नीतीश ने बिहार को अपराधियों से मुक्त करने का वायदा किया था। नीतीश के सत्ता में आने पर 83,000 अपराधियों को अदालतों द्वारा दोषी करार दिया गया। हजारों अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल पहुंचा दिया गया जिनमें लालू प्रसाद का करीबी मोहम्मद शहाबुद्दीन भी शामिल है। सत्ता में आने के बाद नीतीश ने बिहार में जंगल राज खत्म करने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ एक मीटिंग की। डी.जी.पी. अभ्यानंद ने कहा कि भले ही पुलिस को अपराधियों से निपटने के लिए खुली छूट दी गई लेकिन कोई भी अनंत सिंह को छूने की भी हिम्मत नहीं कर सकता था। 2005 में उसने शहाबुद्दीन को चुनौती दी और खुद को यहां के अगले बाहुबली के तौर पर स्थापित किया। तब लालू और नीतीश दोनों ने उसे अपनी-अपनी पार्टियों के लिए काम करने के लिए न्यौता दिया। हालांकि अनंत को हमेशा नीतीश का करीबी माना गया। 2005 में चुनाव जीतने के लिए नीतीश ने अनंत का इस्तेमाल किया था। 2007 में अनंत ने रेशमा खातून नामक युवा महिला से बलात्कार और हत्या मामले में संलिप्तता पर उससे सवाल पूछने वाले न्यूज चैनल के 2 पत्रकारों की पिटाई कर दी थी लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश ने इस बारे में कुछ भी नहीं कह
Related News
क्राइम कन्ट्रोल का बिहार मॉडल !
क्राइम कन्ट्रोल का बिहार मॉडल ! पुष्यमित्र आनंद मोहन, पप्पू यादव, शाहबुद्दीन, मुन्ना शुक्ला, अनंतRead More
बेटी का अपहरण करने आए वांटेड क्रिमिनल से अकेले भिड़ गई मां
महिला ने बदमाश से छीने हथियार, हथियार के साथ पकड़ाए दो अपराधी झाझा (जमुई)। बिहारRead More
Comments are Closed