जिद्दी और अहंकारी नीतीश पार्टी के भीतर करते हैं मनमानी : नरेंद्र

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पटना। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के हिमायती तथा उनके मंत्रिमंडल में शामिल नरें्रद सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर उन पर पार्टी के भीतर मनमानी करने तथा जदयू को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री को कल लिखे पत्र को नरेंद्र ने मंगलवार को मीडिया को जारी किया। इसमें उन्होंने नीतीश से पूछा है कि भाजपा के साथ 17 साल साथ काम करने के बाद एक व्यक्ति विशेष :नरें्रद मोदी: के प्रति प्रतिद्वंदिता और ईर्ष्या भाव के कारण उनका राजग से अलग होने का फैसला क्या न्यायोचित था जिसका खमियाजा पिछले लोकसभा चुनाव में जदयू को भुगतना पड़ा। उन्होंने नीतीश पर लोकसभा, राज्यसभा चुनाव तथा विधान परिषद सदस्यों के मनोनयन में प्रत्याशियों के चयन में पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ताओं की अनदेखी मनमानी करते हुए बाहरी लोगों को उम्मीदवार के तौर पर थोपने का आरोप लगाया।
नरेंद्र ने नीतीश से कहा, ‘आपने अपने अहंकार और जिद के आगे किसी भी नेक सलाह को मानने से बराबर कतराते रहे। चापलूसों की गलत सलाह पर चलकर दल को कितना नुकसान पहुंचाया है यह कभी सोचा है।’ उन्होंने नीतीश पर आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी के भीतर विरोध के स्वर को शांत करने तथा कार्यकर्ताओं के आक्रोश का सामना नहीं करना पडे। इसलिए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का एकतरफा घोषणा कर दी तथा अपने सारे पापों और गलतियों को सुधार कर एक महादलित परिवार आने वाले जीतनराम मांझी को नेता चुनने का प्रस्ताव दिया जिसे सभी लोगों ने स्वीकार किया।
नरेंद्र सिंह ने नीतीश पर आरोप लगाया, ‘मांझी के मुख्यमंत्री बने सप्ताह भी नहीं बीता और आपने उन्हें हटाने की मुहिम शुरू कर दी क्योंकि वे आपका रबर स्टाम्प बनने से इंकार कर दिया तथा चटुकार, दलाल एवं बिचौलियों पर नकेल कसने के लिए मांझी का कुछ आईएएस और आईपीएस का तबादला का कदम आपको नागवार गुजरा।’ उन्होंने कहा कि मांझी का कहना कि वे विकास की बडी लकीर खींचेंगे तो इसमें खोट क्या था। वे विकास की गाडी को आगे कर आपके संकल्पों को लंबी दूरी तय कराना चाहते थे तो उससे उन्हें जलन क्यों हुई। नरेंद्र सिंह जेपी आंदोलन में भी नीतीश के सहयोगी रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘जदयू को बनाने में मेरे जैसे हजारों कार्यकर्ताओं का खून पसीना लगा है। जनता दल हम सभी का है, इस पर किसी एक व्यक्ति का अधिकार नहीं है। अपने घर को बर्बाद होने से बचाने के लिए हमारे जैसे लोग कोई भी कुर्बानी देकर उसे बिखरने से बचाने के लिए अंतिम सांस तक प्रयास करते रहेंगे।’ नरेंद्र ने नीतीश को सलाह दी है कि वे अपने कथित अहंकार, जिद और व्यक्तिवादी रवैये को त्याग करें तथा चापलूसों और सत्ता के दलालों से सावधान रहें जिनकी राय पर वे पार्टी के मर्यादा को नुकसान कर रहे हैं। वे न तो आपके शुभचिंतक हैं और ना ही समाज के और न तो पार्टी की चिंता उन्हें है।
नरेंद्र ने कहा ‘आशा करता हूं कि आप मेरे इस सुझाव पत्र पर अमल कर जदयू को बिखरने से बचाने में गंभीरतापूर्वक भूमिका का निर्वहन करेंगे।






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