नए ढंग से की खेती, दूर भागी किसान बदहाली
हामिद बने किसानों के लिए आदर्श
हसनपुरा (सीवान) : प्रखंड के लहेजी बाजार निवासी हामिद खान की पहचान जिले के उत्कृष्ट किसानों में की जाती है, जो नए-नए ढंग की खेती कर किसानों के सामने उदाहरण पेश कर रहे हैं. 1976 में मैट्रिक पास करने के बाद वे कृषि क्षेत्र में जम गए. नई-नई चीजों की खोज करना और अन्य किसानों को प्रेरित करना उनका काम बन गया. वर्ष 1976 में आई गेहूं की नई किस्म को लेकर प्रचार- प्रसार शुरू किया और नई किस्म 1553 गेहूं की बोआई की. अच्छी पैदावार होने पर किसान इस दिशा में आगे बढ़Þे. नई-नई किस्म के नकद और रोजगारोन्मुखी खेती कर इन्होंने अपनी आजीविका अच्छे से चलाई, साथ ही ए अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणा श्रोत बने. अपनी सेवा यात्र के दौरान सीवान पहुंचे तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हामिद खान से मिलने उनके गांव लहेजी पहुंचे थे और विविध प्रकार की खेती का निरीक्षण किया था. पोपुलर पेड़ में औषधीय एवं सुगंधित पौधों की खेती देख उनकी पीठ थपथपाई तथा बिहार का कृषि सलाहकार बनाने की बात कही थी़
पपीता, ओल व पोपुलर के खेती से आए चर्चा में : 1992 से 1994 तक पपीता और ओल की खेती कर पूरे गांव से लेकर जिले तक चर्चा में आय़े इसकी खेती कर उसी मुनाफे से अपने दोनों बच्चों को अलीगढ़ में शिक्षा दिलाई़ 1996 में पोपुलर पेड़ की खेती पांच एकड़ में कर इसकी शुरुआत की. पोपुलर के साथ तरबूज, खीरा, ककड़ी, लौकी आदि फसलों की खेती से भरपूर मुनाफा कमाया, क्योंकि एक ही सिंचाई से पोपुलर सहित अन्य फसलों की सिंचाई हो जाती है़ पोपुलर के पौधे खेतों के किनारे-किनारे मेढ़ पर लगाए जाते हैं,इसके कारण अन्य फसल छांव में भी नहीं लगती, क्योंकि इसके पत्ते ठंड के दिनों में झड कर खाद बन जाते है़ पेड़ तैयार होने पर प्रत्एक पेड़ की चार से पांच हजार की दर बिक्री हो जाती है़ इसकी खरीदारी के लिए उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों से भी व्यापारी पहुंचते हैं.
प्रशिक्षण ले शुरू की पुदीना की खेती : हामिद खान ने पुदीना की खेती के लिए लखनऊ के सिमैप से दो बार प्रशिक्षण प्राप्त किया और पहली बार 2008 में चार हेक्टेयर में पुदीना की खेती की. यह खेती मात्र तीन माह में तैयार होती है और इसके लिए सरकारी स्तर पर भी प्रोत्साहन दिया जाता है.यह खेती काफी लाभकारी है. इनके प्रोत्साहन पर आज जिले में सैकड़ों किसान पुदीना की खेती कर मुनाफा कमा रहे हैं़
खस, लेमन ग्रास और एलोबेरा की खेती की जिले में की शुरुआत : किसान हामिद खान ने जिले में खस, लेमन ग्रास और एलोबेरा की खेती की शुरुआत की. अब जिले में बड़े पैमाने पर इसकी खेती कर किसान लाभ कमा रहे हैं. सीवान के तत्कालीन डीएम बाला मुरूगन डी ने भी इनके गांव पहुंच कर खेती की प्रशंसा की थी और खस का तेल निकालने के लिए लगाई गई बॉयलर मशीन का उद्घाटन भी किया था. एलोबेरा की औषधीय खेती काफी लाभदायक है. साथ ही लेमन ग्रास की खेती से भी काफी मुनाफा कमाया जा सकता है. किसान हामिद के प्रयास से इन चीजों के लिए यहां बाजार भी उपलब्ध हो सका है.
खेती को बनाया अपना पेशा, नि:शुल्क उपलब्ध कराते है प्रशिक्षण : हामिद खान नई पीढ़ी और किसानों के लिए एक आदर्श हैं. उन्होंने यह दिखाया है कि अभाव में भी कुछ नया और बेहतर किया जा सकता है. पहले जब उन्होंने अलग किस्म की खेती करने की ठानी, तो लोगों से विभिन्न तरह की बातें सुनने को मिलीं. परंतु अब उन्हें जिले के उत्कृष्ट किसान के तौर पर जाना जाता है. साथ ही उनके पद चिह्नें पर चल कर बड़ी संख्या में किसान इस काम में लगे हैं. साथ ही कृषि क्षेत्र में भी कैरियर बना कर आगे बढ़ा जा सकता है. हामिद खान द्वारा किसानों को नि:शुल्क औषधीय खेती के गुर सिखाए जाते है. साथ ही उनके यहां पहुंच कर भी खेती में मदद करते हैं. किसान का एक ग्रेजुएट बेटा भी उनके साथ इस खेती में लगा है. उनके द्वारा औषधीय पौधा एलोबेरा के द्वारा पीलिया के लिए चिकित्सकीय सुविधा भी नि:शुल्क उपलब्ध कराई जा रही है.
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