खुलेआम नकल की खबरों पर हाईकोर्ट का संज्ञान, डीजीपी को नकल रोकने की जिम्मेदारी

patna high court
पटना। बिहार में मैट्रिक की परीक्षा में भारी पैमाने पर चल रहे नकल में मामले में मीडिया में आई खबरों से असर हुआ है। पटना हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए डीजीपी को मैट्रिक परीक्षा में कदाचार रोकने का निर्देश दिया और शिक्षा विभाग को हलफनामा दायर करने को कहा। वहीं, केंद्र सरकार ने भी इस मामले में रिपोर्ट मांगी है। गौरतलब है कि अंग्रेजी और गणित में मैट्रिक की परीक्षा में पास होने के लिए बिहार के छात्र नकल का सहारा ले रहे हैं। छात्र, अभिभावक, शिक्षक और पूरा विद्यालय तंत्र इसमें शामिल है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के कदाचारमुक्त परीक्षा कराने के सारे दावे हवा-हवाई साबित हुए हैं। दो दिनों में कदाचार के आरोप में एक हजार से अधिक परीक्षार्थी पकड़े गए हैं।
बिहार में मैट्रिक की परीक्षा में बड़े पैमाने पर नकल की घटना की पटना उच्च न्यायालय द्वारा ओलाचना किए जाने के बाद इस संबंध में विचार के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। पटना उच्च न्यायालय ने परीक्षा में व्यापक पैमाने पर नकल के लिए सरकार की आलोचना करते हुए नीतीश सरकार को इसे रोकने का निर्देश दिया है।

Vaishali: Youths climbing the building of an examination centre to help the candidates in cheating, by passing notes through the windows, during a Matriculation examination in Hajipur, on Wednesday.

Vaishali: Youths climbing the building of an examination centre to help the candidates in cheating, by passing notes through the windows, during a Matriculation examination in Hajipur, on Wednesday.

मुख्यमंत्री कार्यालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक नीतीश ने शिक्षा मंत्री पी के शाही, पुलिस महानिदेशक पी के ठाकुर, गह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी और शिक्षा विभाग के प्रधानसचिव आर के महाजन के साथ अपने सचिवालय कक्ष में एक बैठक की और उन्हें कदाचार मुक्त मैट्रिक परीक्षा आयोजित कराने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि कदाचार की शिकायत मिलने पर संबंधित पुलिसकर्मियों और दंडाधिकारी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
प्रदेश में गत 17 मार्च से मैट्रिक की परीक्षा चल रही है। हाल में समाचार पत्रों और टेलीविजन चैनलों पर कुछ फोटो दिखाए गए, जिनमें परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षार्थियों के, दोस्तों, अभिभावकों, रिश्तेदारों और सहयोगियों को अपने अपने उम्मीदवारों को नकल कराने के लिए खिड़कियों और छज्जों पर चढ़ते लटकते देखा जा सकता है। कुछ स्थानों पर तो पैसे के बदले पुलिसकर्मियों को भी नकल में मदद करते दिखाया गया है।
मुख्य न्यायाधीश एल नरसिंहा रेड्डी और न्यायमूर्ति विकास जैन ने मैट्रिक परीक्षा में बडे पैमाने पर नकल को लेकर एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर को जनहित याचिका में परिवर्तित करते हुए प्रदेश के पुलिस कप्तान को इसपर तुरंत रोक लगाए जाने का निर्देश दिया। न्यायालय ने शिक्षा विभाग को इस मामले में आगामी शुक्रवार को अदालत के समक्ष उपस्थित होकर स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है। ग्रामीण क्षेत्रों की हालत यह है कि परीक्षा केन्द्रों में छत पर चढ़कर कदाचार कराया जा रहा है। वैशाली के महनार में कदाचार करने से रोकने पर पुलिस जवानों पर रोड़ेबाजी की गई जिसमें छह जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। सारण में गणित के पेपर में 154 परीक्षार्थियों को निष्कासित किया गया।
कई राज्यों में मान्यता हुई थी रद्द
बिहार इंटरमीडिएट शिक्षा परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष प्रो. नागेश्वर प्रसाद शर्मा ने बताया कि बिहार में चोरी की बढ़ती प्रवृत्ति के कारण 1997 में राजस्थान, पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ ने अपने यहां बिहार इंटरमीडिएट शिक्षा परिषद के प्रमाणपत्र की मान्यता ही खत्म कर दी थी। इसके कारण वहां के कॉलेजों में यहां से इंटर पास करने वाले छात्र-छात्रओं का नामांकन बंद हो गया था। 2002 में जब प्रो. शर्मा परिषद के अध्यक्ष बने तो उन्होंने यह मसला केंद्र के समक्ष उठाया और इसके बाद मान्यता बहाल हुई थी।
गुणा-भाग में कमजोर होते हैं बच्चे
मैट्रिक में गणित की परीक्षा में चोरी इसलिए भी होती है कि यहां के बच्चे गणित में आमतौर पर कमजोर होते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रही संस्था असर ने 2014 की अपनी रिपोर्ट में कहा था कि बिहार में 5वीं कक्षा तक के बच्चे गुणा-भाग तक नहीं जानते हैं।

कदाचारमुक्त परीक्षा कराने की जिम्मेदारी डीएम को दी गई है। जिस जिले में कदाचार हो रहा है तो इसकी जवाबदेही वहां के डीएम की है।
– प्रो. लालकेश्वर प्रसाद, अध्यक्ष, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति

नकल को रोकने में राज्य के शिक्षा मंत्री और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष- दोनों ही बेबस नजर आए। राज्य के शिक्षा मंत्री पीके शाही ने गुरुवार को कहा कि राज्य भर में 1217 केन्द्रों पर 14 लाख 26 हजार परीक्षार्थी हैं। परीक्षार्थियों से तीन गुनी ज्यादा संख्या उनके अभिभवकों की जुटी रहती है। एक साथ इतनी संख्या में लोगों को नियंत्रित करना थोड़ा कठिन काम है। हालांकि उन्होंने कहा कि बोर्ड और सरकार दोनों ने प्रशासन को हर हाल में कदाचार मुक्त परीक्षा कराने का निर्देश दिया है। यह प्रशासनिक के साथ सामाजिक मुद्दा भी है। मैंने खुद भी अभिभावकों से सहयोग की अपील की है। बिना उनके सहयोग के कदाचार को सौ फीसदी रोकना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होगी। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा सिर्फ बिहार में नहीं होता है। सभी राज्यों में ऐसी शिकायतें मिलती हैं।
उधर बोर्ड के अध्यक्ष प्रो. लालकेश्वर प्रसाद ने स्वीकार किया है कि मैट्रिक परीक्षा के दौरान वैशाली के महनार में कदाचार की गंभीर स्थिति बनी हुई है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में वहां परीक्षा कराना मुश्किल है। प्रशासन सहयोग नहीं कर रहा है। पूरे मामले की रिपोर्ट बनाकर सरकार को भेजी जा रही है।
नकल की तस्वीरें पूरे बिहार की कहानी नहीं
बिहार से बोर्ड परीक्षाओं के दौरान हो रही नकल की जो तस्वीरें सामने आ रही हैं वो हैरान कर देने वाली हैं। इस मामले में अब सीएम नीतीश कुमार ने भी बयान दिया है। उन्होंने कहा है,बिहार में मैट्रिक की परीक्षा में नकल की जो तस्वीरें सामने आई हैं मैं उनके प्रत्एक पहलू के विरूद्ध हूँ। एक, इन तस्वीरों में पूरे बिहार की कहानी नहीं है। बिहार के छात्र मेधावी हैं, और देश और दुनिया में अपनी प्रतिभा से अपनी जगह बनाते रहे हैं। नकल की कुछ तस्वीरें बिहार की प्रतिभा पर हावी नहीं हो सकतीं। उन्होंने अपनी फेसबुक पोस्ट में आगे लिखा है,ह्लप्रशासन अपने स्तर पर सचेत है और गड़बड़ी की खबर मिलते ही सरकार ने इस प्रक्रिया से जुड़ी प्रत्एक एजेंसी से पूरी सतर्कता और जवाबदेही से काम करने को कहा है। अत: प्रशासन के काम की छवि महज इन तस्वीरों से नहीं बल्कि पूरी प्रक्रिया को सुचारू ढंग से क्रियान्वित करने के आधार पर आंकी जानी चाहिए। उन्होंने आगे कहा है, सबसे अहम् बात, मैं बिहार में नकल में सहयोग देने वाले अभिभावकों, संबंधियों और मित्रों से कहूँगा कि अपनी गलत सोच से आप छात्र का और बिहार का नुकसान कर रहे हैं। नकल से मिले इस सर्टिफिकेट का असल जीवन में उपयोग नहीं होगा और इस तरह से उत्तीर्ण छात्र का मनोबल सदैव के लिए कमजोर रहेगा। नकल के प्रयास सदैव के लिए छात्र को नकल पर निर्भर करने की मानसिकता से बोझिल कर देंगे। अत: मैं अपील करूंगा कि नकल करने कराने का हिस्सा न बनें। छात्र सर्टिफिकेट से नहीं काबलियत से आगे बढ़Þते हैं और इसके लिए परिवार और समाज को प्रेरणा भी देनी होगी और सहयोग भी। सीएम ने लिखा, मैं अपने स्तर पर पूरी तरह तत्पर होकर काम कर रहा हूँ ताकि बिहार के भविष्य का निर्माण छात्रों और युवाओं की प्रतिभा, कौशल और परिश्रम के बल पर हो। इसके लिए मैं बिहार के सभी लोगों से सहयोग की अपील करता हूँ। जय बिहार, जय भारत।






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