urban naxal

 
 

अर्बन नक्सल

पुष्य मित्र यह सच है कि बड़े शहरों में माओवादियों के सिम्पेथाइजर रहते हैं। ये दो तरह के होते हैं। पहला जो इन माओवादी समूह के सदस्य होते हैं और इन्हें वैचारिक मजबूती प्रदान करते हैं। ऐसे लोगों का हस्तक्षेप माओवादी संगठन में भी होता है। दूसरे लोग वे होते हैं, जो मानते हैं कि माओवादियों के मुद्दे सही हैं, मगर तरीका गलत है। ये हिंसक वारदातों का विरोध करते हैं, इनका मानना होता है कि यह आंदोलन अहिंसक तरीके से चलना चाहिये। साथ ही सरकार की उन गतिविधियों परRead More


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