rakesh sain

 
 

गुरु नानक : नानक नाम जो ‘बो’ ले सो निहाल

सिखों के पहले गुरु नानक की 550 जयंती राकेश सैन नानक नाम मंत्र है जो बोले सो निहाल और जो ‘बो’ ले वो भी निहाल। बोले और ‘बो’ ले लगभग एक से उच्चारण वाले इस वाक्य में ऊपरी भेद है परंतु हैं परस्पर पूरक। ‘बो’ ले अर्थात बीज ले, जैसे किसान खेत में अन्न का एक दाना बीजता है और उससे उगने वाली बाली पर सौ-सौ दाने खिलते हैं और फिर वो सौ दाने अगले मौसम में हजारों व समय पा कर लाखों दानों में बदल जाते हैं। एक समयRead More


बौद्धिक स्वच्छता अभियान से कौन डरा ?

राकेश सैन दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाई जाने वाली इन तीन पुस्तकों में प्रकाशित इन पंक्तियों की गहराई समझें, ‘बुद्ध के विचारों को अगर भारत मानता तो चीन, यूरोप से ज्यादा आगे होताÓ (पुस्तक-बुद्धा चैलेंज टू ब्राह्मनिज्म)। ‘श्रम करके जिंदगी गुजारने वाले लोगों के बीच जाति के आधार पर विवाद रहा। दलित, आदिवासी मजदूरी करते और ब्राह्मण-बनिया आराम की जिंदगी बिताते। ये बदलाव समाज में जरूरी हैÓ (पुस्तक -वाय आई एम नॉट हिंदू)। ‘आदिवासी से लेकर दलितों का उत्पादन करने का विज्ञान, जैसे नाई भारत में डॉक्टर की तरह रहे, मेडिकलRead More


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