Pushya Mitra

 
 

दुनिया में एक ईमानदार और ताकतवर इंसान एक साथ नहीं मिला

यह देश क्या ऐसे ही चलेगा? पुष्यमित्र हम रघुवर दास को चुनाव में हरा कर खुश हो जाएंगे और हेमन्त सोरेन के व्यक्तित्व में खूबियाँ तलाशने लगेंगे। हम कहने लगेंगे बन्दा बहुत सहज है, अपना जैसा लगता है। रघुवर दास जैसा एरोगेंट नहीं है, जो अपने कार्यकर्ताओं तक को नहीं तरजीह देता था। हम नीतीश को हरा देंगे और फिर तेजस्वी को सत्ता दे देंगे। मोदी को हरा कर राहुल को ले आएंगे। फिर एक रोज समझ आएगा कि ये लोग ढीले हैं, भ्रष्टाचार को तरजीह देने वाले हैं औरRead More


मार्किट फ्रेंडली होते पर्व त्योहार और हमारा फुटपाथ वाला छठ

पुष्यमित्र वैसे तो छठ मुख्यतः बिहार-झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों द्वारा मनाया जाने वाला पर्व है, फिर भी यह कोई छोटी आबादी नहीं है, तकरीबन 15 करोड़ की आबादी तो इन इलाकों में बसती ही होगी जो क्षेत्रफल के हिसाब से दुनिया के सबसे बड़े मुल्क रूस की आबादी से अधिक ही है। और आज की तारीख में यह इस इलाके का सबसे बड़ा पर्व है, मगर इसके बावजूद आज तक इस पर्व को न तो कोई बिग बाजार हाई जेक कर सका है न फ्लिपकार्ट-अमेजन। आज भीRead More


जयंत जिज्ञासु और राजद

पुष्य मित्र —————————– कल एक मित्र से बात हो रही थी. वे कह रहे थे, बताइये राजद जैसी पार्टी जिसकी छवि गुंडों वाली पार्टी की रही है, ने जेएनयू के लिए जयंत जैसा सुलझा और विचार संपन्न कैंडिडेट चुना है. जबकि नीतीश जी की पार्टी को देखिये, सेकेंड लाइन में खाली ठेकेदार और रंगदार मिलेंगे, गुंडों की बीवियां मिलेंगी और नेताओं के बच्चे मिलेंगे. राजद जहां अपनी छवि को बदलने के लिए जमीन से जुड़े विचार में पगे लोगों को सामने ला रहा है, जबकि दूसरी पार्टियां इस बारे मेंRead More


अर्बन नक्सल

पुष्य मित्र यह सच है कि बड़े शहरों में माओवादियों के सिम्पेथाइजर रहते हैं। ये दो तरह के होते हैं। पहला जो इन माओवादी समूह के सदस्य होते हैं और इन्हें वैचारिक मजबूती प्रदान करते हैं। ऐसे लोगों का हस्तक्षेप माओवादी संगठन में भी होता है। दूसरे लोग वे होते हैं, जो मानते हैं कि माओवादियों के मुद्दे सही हैं, मगर तरीका गलत है। ये हिंसक वारदातों का विरोध करते हैं, इनका मानना होता है कि यह आंदोलन अहिंसक तरीके से चलना चाहिये। साथ ही सरकार की उन गतिविधियों परRead More


इसी नेता की रिपोर्ट से देश की राजनीति के स्टेयरिंग ने लिया मोड

बीपी मंडल  की सौंवी जयंती पर उनके बारे में जानिए पुष्य मित्र आज बिहार के एक बड़े समाजवादी नेता बीपी मंडल की जन्मशती है। वे एक ऐसे नेता हैं जिनकी बनाई रिपोर्ट ने बीसवीं सदी के आखिर में देश की राजनीति के स्टेयरिंग को उस दिशा में मोड़ दिया जिस दिशा से आज भी मुड़ना नामुमकिन लगता है। उन्हें हम आज भी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में कम द्वितीय पिछड़ा आयोग के अध्यक्ष के रूप में अधिक जानते हैं। वह आयोग भी मंडल कमीशन के नाम से हीRead More


बिहिया की दुरपदिया

पुष्य मित्र ————————- द्रौपदी का चरित्र हमेशा से मुझे आकर्षित करता है. वह पांच पतियों की पत्नी थी, और कई और थे, जो उससे शादी करना चाहते थे, उसका एक पति उसे जुए में हार गया और जीतने वाले ने चाहा कि उसे भरी सभा में नंगा कर दे. क्योंकि वह एक दमदार औरत थी, उसे पुरुषों की मूढता पर हंसना भी आता था. और अपमान का बदला लेना भी. मुझे यह जानकर अच्छा लगा कि हिंदू मिथक ने द्रौपदी को पंच कन्याओं में शामिल किया. इन पंच कन्याओं मेंRead More


केरल- एक सुझाव : आखिर कहां जाता है मुख्यमंत्री राहत कोष का रूपया

पुष्य मित्र कम से कम तीन बाढ़ राहत अभियान से फुल टाइम जुड़े होने के अपने अनुभव से बता सकता हूँ कि सीएम रिलीफ फंड में पैसा भेजना या काफी दूर से सरकार को सामान भेज देना आपको भावनात्मक रूप से संतुष्ट तो कर सकता है मगर यह इस बात की गारंटी नहीं है कि आपके द्वारा भेजा गया पैसा या सामान वाकई पीड़ितों के काम आ जायेगा। 2008 की कोसी की बाढ़ में बिहार के सीएम रिलीफ फंड में काफी पैसा भेजा गया। मैंने आरटीआई के जरिये जानने कीRead More


15 अगस्त की तारीख

Pushya Mitra वैसे तो बचपन से लेकर आज तक हमने कभी सोचा नहीं कि 15 अगस्त की तारीख का इसके सिवा और क्या महत्व हो सकता है कि यह हमारी आजादी की तारीख है। इस रोज हमने अंग्रेजों को भगा दिया था। देश पर अपना राज कायम हुआ था। मगर इस तारीख़ को कुछ और भी घटनाएं दुनिया में घटी थी। जैसे हमारे आजाद होने के एक साल बाद दोनों कोरिया भी इसी तारीख को आजाद हुआ और दोनों अलग अलग तरीके से इस दिन अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है।Read More


डार्क हॉर्स का लेखक और लॉज मालिकों की दबंगई

पुष्य मित्र मुखर्जी नगर को आधार बना कर लेखक नीलोत्पल मृणाल ने डार्क हॉर्स उपन्यास लिखा था, कुछ वैसा ही इलाका नेहरू विहार कल से जंग का मैदान बना हुआ है. और उस जंग के मैदान में हमारा लेखक मकानमालिकों की गुंडई के खिलाफ डटा है और मार खाते हुए भी अपने युवा साथियों के हक की आवाज उठा रहा है. फेसबुक को स्क्रॉल करते हुए कल से ही यह सब पढ़ रहा हूं. याद आता है कि अपने जमाने में हमने भी यही सब झेला है. पटना के कुन-कुनRead More


क्यों नीतीश को इतना भाव देती है भाजपा?

Pushy Mitra उस वक्त जब नीतीश अपने राजनीतिक जीवन के सबसे कठिन दौर से गुजर रहे हैं, उनकी साख लगभग मिट्टी में मिलती नजर आ रही है. मुजफ्फरपुर कांड में पहले चुप्पी, फिर सुस्त कार्रवाई ने उनकी छवि किसी खलनायक जैसी बना दी है. ऐन उसी वक्त भाजपा राज्य सभा के उप सभापति पद के लिए जदयू के एक सांसद को उम्मीदवार बनाती है. आखिर कौन सी वजह है कि महज दो लोकसभा सीट और बहुत सीमित वोट बैंक वाली पार्टी जदयू के नेता नीतीश को भाजपा इतना भाव देतीRead More


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