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बिहार का गांव, यहां गूंजती है कृष्ण की बांसुरी की धुन

पूर्णिया. शैलेष। कोई भी कला, कोई भी विधा, जाति-धर्म में बंधी नहीं होती। खासकर भगवान कृष्ण की बात करें तो वो प्रेम का प्रतीक हैं। उन्हें हर धर्म-संप्रदाय के लोग मानते हैं। उन्होंने लोगों को प्रेम का मार्ग दिखाया और प्रेम करना सिखाया। एेसे ही कृष्ण को मानने वाले कुछ मुसलमान हैं जो प्रेम को ही अपना धर्म मानते हैं और कृष्ण की मुरली को बनाना और बजाना ही उनका पेशा है। पूर्णिया जिला मुख्यालय से 17 किलोमीटर दूर स्थित श्रीनगर प्रखंड में मुस्लिम समुदाय के लोग गुम हो रही बांसुरीRead More


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