सारण जिला परिषद की सुस्ती से आपस में लड़ रहे हैं दिघवारा में दुकानदार
दुकान निर्माण में देरी लोगो के लिए बन रहा परेसानी का सबब
प्रतीक अनुज.दिघवारा/सारण
स्थानीय प्रखण्ड के दिघवारा बाजार में सारण जिला परिषद की जमीन में जिला परिसद द्वारा दुकान निर्माण की देरी अब स्थानीय लोगो के लिये परेसानी का सबब बनता जा रहा है वही निर्माणाधीन दुकानों में कब्जे को लेकर स्थानीय दुकानदार बार बार आपस में उलझते नजर आ रहे है । ज्ञात हो की विगत वर्ष 2015 के जुलाई माह में उच्च न्यायलय के आदेश के आलोक में जिला प्रशासन ने बाजार में बसे सैकड़ो दुकानदारों को हटाते हुए उनकी दुकानों को तोड़ दिया था । वही उक्त जगह पर पुन: निविदा निकाल कर दुकान निर्माण की बात जिला परिषद ने शुरू किया ।।उच्च न्यायालय के फैसला में शामिल 86 दुकानदारों को जिला परिषद ने प्रथमिकता दिया और साथ ही बाकि बचे दुकानों के लिये भी लोगो से फॉर्म भरवाए गये।
दुकान टूटने और रोजगार छिनने के कारण प्रभावित दुकानदारों ने आनन फानन में दुकानों के लिये जिला परिषद में बजाप्ता पगड़ी की रकम तक जमा करवाकर जल्द दुकान मिलने की आसा पाल लिये ।
वही स्तर पर दुकान निर्माण में आई छोटी मोटी अड़चनों को जिला परिषद दूर करते हुए जब दुकान निर्माण का कार्य शुरू करवाया ।उसी वक्त कुछ स्थानीय लोगो ने बिहार में लागु बिल्डिंग बाइलॉज का हवाला देते हुए और जिला परिषद पर बिना नक्सा दुकान निर्माण की बात लगभग रोक दिया ।
काफी लंबे अरसे के दुकान दार बने फुटपाथी।
दुकान टूटने पहले कई जगह लोगो की पक्की एवं स्थाई दुकान था जिसमें लोग अपना व्यवसाय किया करते थे। दुकान टूटने के लगभग डेढ़ साल में भी कोई दुकान पूर्ण नही बन पाया ।और जो दुकानदार लाखो रुपये के व्यसाय करने वाले आज सरको पर घूम रहे है साथ ही कही कहि फुट पाथ पर अपनी दुकान चलकर जीविका चलाने में मजबूर हो रहे है।
दुकान निर्माण पर रोक के बावजूद आपस में कई बार दुकानदार उलझ जा रहे है।वजह सिर्फ अपनी पिछली दुकानों के आगे फुटपाथ पर दुकान लगाने को लेकर सभी अपनी अपनी पुरानी दुकानों चिंतित हो गये है साथ एक दूसरे के पुराणी दुकानों के सामने दुकान लगाने पर उलझते है।
अतिक्रमण के मुद्दे को लेकर उच्च न्यायालय ने दिया था आदेश
पिछले कई वर्षों से दिघवारा बाजार में स्थानीय दुकानदार और जिला परिषद में दुकान निर्माण को लेकर मुकद्दमा का लंबा दौर चला । और अंत में उच्च न्यायालय ने पुराणी दुकानदारों को अतिक्रमणकारी घोसित करते हुए दुकानों को तोड़ने का आदेश दे दिया था।उसी आदेश के आलोक में दुकानें बाजार में तोड़ी गई थी।
नये अर्ध निर्मित दुकानों पर भी मारे ताले
बाजार में जिला परिषद द्वारा निर्माणाधीन दुकानों में पूर्व में रह रहे दुकानदारों ने अपने अपने कब्जे दिखाने शुरू कर दिए है।बांस की चचरी से लेकर अस्थाई छत डालकर दुकानदार अपनी दुकानों को चला रहे है।
बाजार के निर्माण में प्रमुख बाधा बनी बिहार भवन उपविधि नियम
दिघवारा में जिला परिषद द्वारा बनाये जा रहे दुकान पर उस वक्त ग्रहण लग गए जब बिहार में लागू भवन उप विधि नियम 2014 को पूर्णत: लागू करवाने की मांग को लेकर कुछ लोग न्यायालय की शरण मे जा पहुँचे। नतीजा जैसे तैसे हालात में निर्माण कार्य रोक दिए गए।वही इसके कारण लगभग 2 वर्षो से स्थानीय दुकानदार किसी तरह अपनी रोजी रोटी जुटाने में लगे है।
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