सभी भक्तों की मन्नतें पूरा करती हैं बेगूसराय शहर स्थित चित्र वाणी सिनेमा हॉल के सामने मेन रोड पर अवस्थित बड़ी दुर्गा मंदिर वाली दुर्गा माताजी।

■ इस दुर्गा मंदिर की स्थापना 161 वर्ष पहले 1851 ई० में हुआ था।

■ खोईछा भरने वाली हजारों की संख्या में महिलाओं की अपार भीड़ यहाँ पर प्रत्येक वर्ष लगती है।

■ मेला के दौरान खोईछा भरने को लेकर दुर्गा मंदिर के सैकड़ों कार्यकर्ता और दर्जनों महिला पुलिस कर्मी को विधि – व्यवस्था को लेकर महिलाओं की भीड़ को कंट्रोल करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है।

■ मंदिर के अंदर सीसीटीवी कैमरा लगाए गए हैं।

■ श्री श्री 108 बड़ी दुर्गा स्थान नौ रंगा ,मीरगंज दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष रामप्रताप चौधरी इस दुर्गा स्थान की मान्यताएं के संबंध में बतातें हैं कि :–

दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष रामप्रताप चौधरी ने बताया कि मां दुर्गा की यहाँ पर असीम कृपा है जो भी माता के दरबार में भक्तगण सच्चे मन से पूजा करने आते हैं उनकी सारी मुरादें मैया पूरी करती हैं।
कहा, मै पिछले तीस साल से अध्यक्ष के पद पर रहते हुए माँ की कृपा को देखते हुए आ रहा हूँ। जिन मताओ की गोद खाली है उसे माँ की कृपा होने के कारण सैकड़ो महिलाओ को पुत्र रत्न के रुप में घन की पाप्त मिली है। कई युवाओ को मैया की कृफा से नौकरी के अलावे कई लोगों को माँ ने अपनी कृपा दिखाकर उन्हें जान जाने से बचा लिया है। इसलिए यहाँ पर सालो भर काफी दूर दूर से भक्त गण पूजा अर्चना करने के लिए आते रहते है।
कहा ,इस स्थान कि अभी भी वर्षो से चली आ रही ,यहाँ कि यह मान्यता है कि दुर्गा माता जी का विसर्जन करने के लिए लगभग 40 से 42 कहार अपने कांधे पर नया कपड़ा लूंगी ,गंजी और गमछा पहन कर तब आपने कंधे पर कहार सभी लोग उनकी प्रतिमा को उठाते हैं। उनके प्रतिमा को उठाकर बड़ी पोखर तक अपने कंधे पर उठाकर विसर्जन करने के लिए ले जाते हैं । प्रतिमा विसर्जन करने के लिए कहार बरौनी प्रखंड के असुरारी गांव , मंझौल क्षेत्र के कावर और पबरा गा्व से आते हैं। इसके अलावे 25 की संख्या में मानर और झाल करताल बजाने बाले सभी भजनिक रहते हैं विसर्जन के समय में। इसके अलावे शहनाई वादक,बैण्ड पार्टी भी रहते हैं।

.माताजी के विसर्जित करने के.समय में हजारों की संख्या में भक्तगण रहते है। जब तक बड़ी माता का प्रतिमा मंडप से नहीं उठता है ,तब तक कोई भी भगवती माँ का प्रतिमा विसर्जन करने के लिए आगे से नहीं उठाकर विसर्जन करने के लिए ले जा सकते है।

.. इस वर्ष 2018 में होने वाले दुर्गा पूजा का कार्यक्रम की सूची
दुर्गा पूजा स्थान के महान विद्वान पंडित बाबू साहेब झा के मुताबिक :–
“”★ इस बार माता भगवती दुर्गा का आगमन नौका यानी नाव पर और जाएंगी हाथी पर ।
माताजी का आना और जाना दोनों अति शुभ है।

★ शारदीय नवरात्र कलश स्थापना के साथ 10 अक्टूबर बुधवार दिन से प्रारंभ।

★ 15 अक्टूबर सोमवार के दिन 4:00 बजे शाम में बेल में निमंत्रण।

★ 16 अक्टूबर मंगलवार दिन दुर्गा माता का जागरण ,निशा पूजा के बाद आम लोगों के दर्शन करने के लिए 12:00 बजे रात्रि के बाद माता का पट खोल दिया जाएगा।

★ 17 अक्टूबर बुधवार दिन महा अष्टमी व्रत।

★ 18 अक्टूवर, गुरुवार दिन नौवी तिथि ,दिन के 2 बजे अपराहन के बाद हवन की पूजा।

★19 अक्टूवर ,शुक्रवार दिन सुबह सूर्योदय के पहले कलश का विसर्जन, नील कंठ का दर्शन, दही चूरा का भोजन ,जतरा शुभ कार्य हेतु, विजयादशमी,जयंती धारण, रावण बध आदि ।

इस पूजा को सफल बनाने में बड़ी दुर्गा स्थान पूजा समिति के सदस्यों में उपाध्यक्ष राम रतन कुमार ,भोला पोद्दार,कोषाध्यक्ष राजकुमार पौद्दार, अरविंद साह, राजकुमार पौद्दार,विकास कुमार गोपाल महतो समेत सैकड़ों दुर्गा पूजा समिति के सदस्य गण पूजा के कार्य में दिन रात लगे हुए हैं।






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