बीवी ने कहा. ‘हम दिल दे चुके सनम’, पति ने प्रेमी से करवा दी शादी

पटना [काजल]। साल 1999 में एक फिल्म आई थी ‘हम दिल दे चुके सनम’, उसमें एक पति अपनी पत्नी को उसके प्रेमी से मिलाने के लिए क्या-क्या नहीं करता है? इसके साथ ही एक फिल्म थी ‘धड़कन’ जिसमें आपने शादी से पहले के प्यार के लिए तड़प देखकर कलाइमेक्स में आंसू छिपाने की कोशिश जरूर की होगी। लेकिन बिहार की ‘हम दिल चुके सनम’ की कहानी इतनी दिलचस्प है कि जिसने भी सुनी वाह-वाह कर रहा है। इसकी हैप्पी एंडिंग जानकर आप आश्चर्य में पड़ जाएंगे। लेकिन ये कहानी किसी ‘हम दिल दे चुके सनम’, जैसी नहीं है, बल्कि हकीकत है। जिस तरह से ‘हम दिल दे चुके सनम’ फिल्म में एेश्वर्या राय के सलमान खान के लिए प्यार को देखकर फिल्म में उनके पति बने अजय देवगन खुद पत्नी को लेकर उसके प्रेमी से मिलवाने पहुंच जाते हैं और उनके प्यार को देखकर अपने आंसू छुपा लेते हैं। हैप्पी एंडिंग की कहानी बिहार के वैशाली जिले में देखने को मिली है, जहां पति को जब अपनी पत्नी की प्रेमी के लिए दीवानगी पता चली तो उसने उसे समझाने का प्रयास किया, लेकिन जब वो नहीं मानी तो उसने अपने आंसुओं को छुपाते हुए उसकी शादी भरे समाज के बीच प्रेमी से करवा दी। इसके बाद उसकी शादी कोर्ट में रजिस्टर्ड भी करवायी। इतना ही नहीं, अपने दोनों बच्चे भी उसे सौंप दिए।
ये अनोखी प्रेम कहानी है बिहार के वैशाली जिले के ऊचडीह गांव की, जहां अरुण और मधु की शादी के दस साल हो चुके थे, दोनों के दो बच्चे भी हैं। लेकिन मधु को मायके में पड़ोस में रहने आए युवक श्रवण से प्यार हो गया। दोनों के बीच पहले तो बातें हुईं, उसके बाद दोनों एक-दूसरे से प्यार करने लगे।
मधु ने श्रवण को सबकुछ सच बता दिया कि उसके दो बच्चे भी हैं। यह जानकर भी श्रवण का प्यार मधु के लिए कम नहीं हुआ और वह उसके ससुराल भी मिलने आ जाता था। पहले तो लोगों ने ध्यान नहीं दिया, लेकिन एक दिन अरुण को गांववालों ने श्रवण के बारे में बताया। अरुण जब घर पहुंचा तो श्रवण और मधु दोनों घर में मौजूद थे।
अरुण ने मधु से श्रवण के बारे में पूछा तो उसने सच-सच बता दिया कि दोनों एक-दूसरे को दिलो जान से चाहते हैं। यह सुनकर अरुण को तकलीफ हुई, लेकिन उसने अपने आंसू रोककर पत्नी को समझाया और बच्चों का वास्ता दिया। गांववालों को जब यह बात पता चली तो पंचायत बैठी और भरी पंचायत में मधु और श्रवण ने कहा कि वो एक-दूसरे को बेइंतहा चाहते हैं।
अरुण ने यह सुनकर भरी पंचायत में अपनी पत्नी का हाथ उसके प्रेमी श्रवण के हाथ में दे दिया और पंचों के सामने कहा कि वह अपनी पत्नी की खुशी चाहता है और श्रवण से उसकी शादी कराना चाहता है। सुनकर लोगों को आश्चर्य हुआ, लेकिन पति के फैसले के आगे किसी ने कुछ भी कहना उचित नहीं समझा।
उसके बाद गांववालों के सामने अरुण ने देर रात गांव के मंदिर में पूरे रीति रिवाज से पत्नी मधु की शादी प्रेमी श्रवण से करा दी। मधु ने गांव वालों के सामने प्रेमी के साथ सात फेरे लिए और पति भी आंखों में आंसू लिए फेरे के वक्त मौजूद था। दोनों ने शादी के बाद अरुण के पैर छूकर आशीर्वाद लिया।
इतना ही नहीं, बाद में मधु को श्रवण के साथ रहने में परेशानी न हो, इसके लिए अरुण ने मंदिर की शादी के बाद कोर्ट में जाकर दोनों की कोर्ट मैरिज भी करवायी। साथ ही, पत्नी की मर्जी के अनुसार दो बेटियों को भी पत्नी के साथ जाने की रजामंदी दे दी।
पत्नी की शादी करवाने वाले अरुण कुमार का कहना है कि उसने पत्नी को समझाने का बहुत प्रयास किया, लेकिन वह रोती रही कि श्रवण के बिना जिंदा नहीं रहेगी, उसके साथ ही रहेगी, इसीलिए गांव वालों के सामने मैंने उसकी शादी करवा दी और दोनों बच्चों को भी सौंप दिया।
वहीं, रहिमापुर गांव के मुखिया नागेंद्र सिंह ने कहा, ‘सब लोगों के सामने अरुण की पत्नी बोली कि हम उसी लड़के के साथ रहेंगे, उसके बिना जिंदा नहीं रहेंगे और लड़का भी रहने के लिए तैयार था। यह देखकर हम लोगों ने मिलकर मंदिर में शादी करा दी और फिर कोर्ट में भी दोनों का कोर्ट मैरिज करा दिया।
साभार जागरण






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