मठ से जब्त 4 हाथियों के मामले में बुरे फंसे महंत सत्यदेव

बिहार कथा. गोपालगंज. जिले के बरौली प्रखंड के लडौली पंचायत स्थित सतनाम मठ के महंत सत्यदेव दास की मुश्किलें अब बढ़ती नजर आ रही है । बिना लाइसेंस व कागजात के दूसरे प्रदेश से हाथियों को लाने के आरोप में महंत के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के बाद उनकी तलाशके लिए वन विभाग ने जाल बिछाना शुरू कर दिया है। ज्ञात हो कि बताते हैं कि 1995 के विधान सभा चुनाव के दौरान मठ पर छापेमारी कर पुलिस ने भारी मात्रा में हथियार बरामद किए थे।
विभाग के एक अधिकारी के अनुसार गैरकानूनी तरीके से चार हाथियों को रखने के मामले में उनसे पूछताछ जरूरी है । इधर मठ व हाथियों पर कड़ी नजर रखने के लिए दंडाधिकारी व पुलिस पदाधिकारी की तैनाती कर दी गई है । रेंजर राकेश कुमार ने बताया कि महंत मठ से फरार हैं । फिलवक्त हाथियों को जब्त कर मठ के जिम्मेनामा लगाया गया है। वनकर्मियों की टीम भी वहां तैनात कर दी गई है । उल्लेखनीय है कि वन विभाग के अधिकारी व पुलिस की टीम ने गुरुवार की देर शाम मठ पर छापेमारी कर 4 हाथियों को जब्त कर लिया था। वहीं महंत के खिलाफ न्यायालय में मुकदमा दायर किया गया था। छापेमारी के बाद से महंत व हाथियों के महावत फरार हैं । हाथियों को पश्चिम चंपारण के जंगल में ले जाने के लिए महावतों की टीम बुलायी गयी थी । लेकिन हाथियों के हमलावर रूख को देखते हुए उन लोगों ने हाथियों को ले जाने से इनकार कर दिया। उधर,छापेमारी के बाद मठ पर सन्नाटा पसर गया है । दंगसी व आसपास के गांव के लोग मठ परिसर में जाने से परहेज कर रहे हैं । मेडिकल टीम के जांच के बाद होगा फैसलाहाथियों के हमलावर रूख को देखते हुए विभाग के विशेषज्ञों का अनुमान है कि हाथियों को गर्म करने के लिए महावतों ने किसी दवा या इंजेक्शन का इस्तेमाल किया है। जिससे हाथी अपने पास किसी को फटकने देना नहीं चाह रहा । दो करोड़ के नुकसान का चर्चा जोरों पर वैसे तो महंत का दावा है कि हाथियों को खरीदकर नहीं लाया गया

फ़ाइल फ़ोटो

है। बल्कि उन्हें दान में मिला है । वहीं हाथियों को दो करोड़ में खरीदकर दंगसी लाने की चर्चा है । ऐसे में इलाके में महंत को दो करोड़ का नुकसान होने की चर्चा हो रही है । जिलापार्षद रह चुके हैं बाबामहंथ का राजनीतिक सफरनाम लंबा है । वर्ष 2001 के पंचायत चुनाव में वे जिला परिषद क्षेत्र संख्या 27 से पार्षद पद के लिए चुने गए थे । 2006 के चुनाव में सीट महिला के लिए आरक्षित हो गया । ऐसे में बाबा चुनाव नहीं लड पाए । उसके बाद से राजद के बैनर के नीचे राजनीति का सफर तय कर रहे हैं । सत्यदेव दास की पहचान सूबे में एक दबंग महंत के रूप में है । बताते हैं कि 1995 के विधान सभा चुनाव के दौरान मठ पर छापेमारी कर पुलिस ने भारी मात्रा में हथियार बरामद किए थे।
दंगसी मठ के महंत सत्यदेव दास ने बताया कि कुछ बड़े लोगों के इशारे पर उन्हें बदनाम किया जा रहा है । वे एक साधारण महंत हैं। हमारे खिलाफ मुकदमा दर्ज करा नाइंसाफी की जा रही है । उन्हें न्यायालय पर पूरा भरोसा है । जल्द ही न्यायालय में आत्म समर्पण करूंगा ।






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