संस्कार के नाम पर नया ठकोसला, बिहार में 400 लड़कियों को दिलाई जींस व जालीदार कपडे नहीं पहनने की शपथ

मधुबनी। मधुबनी के बासोपट्टी इलाके में लड़कियों ने जींस, जालीदार कपड़े और मोबाइल न रखने की शपथ ली है। शपथ का आयोजन रामजानकी महाविद्यालय के कैंपस में किया गया और बकायदा मीडिया में शपथग्रहण कार्यक्रम की तस्वीरें जारी की गयीं।
प्रभात खबर में छपी जानकारी के मुताबिक छात्राओं ने कहा कि जींस पैंट और जालीदार भड़काउ कपड़े पहनने से संस्कार और संस्कृति पर कुठाराघात हो रहा है। छात्रा संगीता और चांदनी कुमारी के हवाले से बताया गया है कि दादी और दीदी के जमाने में सूट और साड़ी थी और यही वजह थी कि लड़कियों के साथ इतने अपराध नहीं होते थे।
शपथ लेने वाली छात्रा मीनू कुमारी की राय है कि वह इस अभियान को गांव—गांव लेकर जाएंगी। मीनू के मुताबिक आए दिन छात्राओं के साथ छेड़खानी और दुष्कर्म किए जाने की घटनाएं हो रही हैं। इसमें अक्सर देखा गया है कि घटनाएं सामान्य पहनावा को छोड़कर जींस और अन्य भड़काउ कपड़े पहनने वाली के साथ घटती है।
कार्यक्रम में भागीदारी करने वाली मनीषा की राय में यदि लड़कियां खुद सतर्क हो जाएं तो बहुत हद तक ऐसे मामलों पर अंकुश लग सकती है। इसमें सबसे अहम कपड़े पर ध्यान देना, मोबाइल का उपयोग नहीं करना है।
इन लड़कियों के बयानों से साफ होता है कि इन्हें ऐसा बोलने के लिए कहा गया है। रिपोर्टर भी कोई सवाल नहीं दागता, सिर्फ बयान लिखता है, मानो वह भी इस अभियान में एक भागीदार हो।
अन्यथा जिस देश में साल भर की मासूम से लेकर 100 साल की बुढ़िया से बलात्कार होता हो, जहां घर से लेकर पड़ोस ही 97 फीसदी बलात्कार और औरतों पर होने वाली हिंसा के लिए जिम्मेदार हो, वहां यह लड़कियां ऐसी अतार्किक बातें कैसे कर सकती हैं, सिवाय इसके कि जबतक इनके सिर पर सवार हो नैतिकता पर डिक्टेशन न दिलवाया जाए।
रामजानकी महाविद्यालय में हुए इस अजीबोगरीब शपथ के आयोजन में इस कार्यक्रम के कर्ताधर्ता दिनेश कुमार के अलावा सुरेंद्र सिंह, राम नरेश सिंह, संजय कुमार, प्रकाश झा, शंकर समेत कई अभिभावक भी मौजूद थे।
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