बिहार कथा

 

गरीबी की गहराई से निकलने की आसान सीढ़ी है शिक्षा : सुनीता साह

‘गरीबी की गहराई से निकलने की आसान सीढ़ी है शिक्षा’ हथुआ ब्लॉक में जनसुराज का जन संवाद कार्यक्रम संवाददाता, हथुआ.जन सुराज की महिला नेत्री सुनीता साह ने हथुआ ब्लॉक क्षेत्र के कई इलाकों में महिलाओं के साथ जन संवाद किया. इसी क्रम में हथुआ नगर पंचायत के मछागर जगदीश में महिलाओं की भीड़ को संबोधित करते हुए सुनीता साह ने कहा कि गरीबी से निकलने के लिए शिक्षा ही सबसे आसान सीढ़ी है. यदि घर में चार बच्चे हैं और आप गरीबी के कारण सबको नहीं पढ़ा पा रहे हैंRead More


वोट की ताकत का दिलाया एहसास

मीरगंज नगर परिषद में चलाया गया जन सुराज जन संपर्क अभियान, वोट की ताकत का दिलाया एहसास संवाददाता, गोपालगंज: मीरगंज नगर परिषद क्षेत्र में मंगलवार को जन सुराज के सदस्यों ने जन संपर्क अभियान चलाया। इस दौरान जन सुराज के सदस्यों ने लोगों के घरों में जाकर उन्हें वोट की ताकत का एहसास दिलाया। जनसंपर्क अभियान के तहत मीरगंज के विभिन्न गांवों में भ्रमण किया गया। नगर अध्यक्ष रवि केशरी ने बताया कि हमने कई लोगों को प्राथमिकी सदस्य बनाने के साथ-साथ उन्हें जन सुराज की विचारधारा के बारे मेंRead More


इसलिए कहा जाता है भिखारी ठाकुर को भोजपुरी का शेक्सपियर

स्व. भिखारी ठाकुर की जयंती पर विशेष सबसे कठिन जाति अपमाना / ध्रुव गुप्त लोकभाषा भोजपुरी की साहित्य-संपदा की जब चर्चा होती है तो सबसे पहले जो नाम सामने आता है, वह है स्व भिखारी ठाकुर का। वे भोजपुरी साहित्य के ऐसे शिखर हैं जिसे न उनके पहले किसी ने छुआ था और न उनके बाद कोई उसके निकट भी पहुंच सका। भोजपुरिया जनता की जमीन, भोजपुरी की सांस्कृतिक और सामाजिक परंपराओं,उसकी आशा-आकांक्षा तथा राग-विराग की जैसी समझ भिखारी ठाकुर को थी, वैसी किसी अन्य भोजपुरी कवि-लेखक में दुर्लभ है।Read More


पारिवारिक सुख-समृद्धि और मनोवांछित फल के लिए ‘कार्तिकी छठ’

त्योहारों के देश भारत में कई ऐसे पर्व हैं, जिन्हें कठिन माना जाता है, यहां कठिन शब्द से तात्पर्य है, उस पर्व में पवित्रता, स्वच्छता का विशेष ख्याल रखना। छठ महापर्व ऐसा ही एक त्योहार है, जिसकी परम्परा का स्रोत रामायण और महाभारत काल से जुड़ा है। छठ सिर्फ एक पर्व नहीं है, बल्कि महापर्व है, जो पूरे चार दिन तक चलता है। नहाए-खाए से इसकी शुरुआत होती है, जो डूबते और उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर समाप्त होती है। ये पर्व साल में दो बार मनाया जाता है।Read More


25 से 30 सांसदों की लालच में कांग्रेस ने लालू को अपना संगठन बेचा : प्रशांत किशोर

संवाददाता, मधुबनी : जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस और भाजपा पर निशाना साधा है। प्रशांत किशोर ने कहा कि 1989-90 में कांग्रेस जब यहां हारी उसके बाद उन्होंने पूरे बिहार को लालू जी के हवाले कर एक तरीके से बेच दिया। बिहार को बेचने के साथ अपने संगठन को बेच दिया। इसमें कांग्रेस अकेले नहीं है। कांग्रेस ने 1990 में बिहार की जनता के साथ जो धोखा किया उसका खामियाजा आज तक भुगत रही है। बिहार में 1990 के दौर में कांग्रेस रुलिंग पार्टी थी। इसके बाद कांग्रेसRead More


सहकारी समितियां भी बदल सकती हैं वोट का समीकरण

संपन्नता की राह सहकारिता ——————– सहकारी समितियां भी बदल सकती हैं वोट का समीकरण अरविंद शर्मा, नई दिल्ली ——————– राजनीति में सहकारी समितियों ने धन का स्रोत बढ़ाया, कार्यकर्ताओं को मिला संरक्षण, देश में साढ़े आठ लाख सहकारी समितियां, एक लाख पैक्सों से 13 करोड़ लोग जुड़े, दो लाख नए पैक्स बनने हैं, जो बड़ा वोट बैंक साबित हो सकते हैं ——————- सहकारिता संस्कृति के रूप में राजनीति का एक पुराना मोर्चा फिर से धीरे-धीरे सशक्त होने लगा है। लगभग तीन दशकों से इस क्षेत्र में ठहराव आ गया था।Read More


भाई-बहिन के स्नेह का प्रतीक रक्षाबंधन का इतिहास

भाई-बहिन के स्नेह का प्रतीक है रक्षाबंधन का पर्व रमेश सर्राफ धमोरा रक्षाबन्धन का पर्व भाई-बहिन के स्नेह का प्रतीक देश का एक प्रमुख त्यौहार है। रक्षाबन्धन पर्व में रक्षासूत्र यानि राखी का सबसे अधिक महत्व है। इस पर्व के दिन बहनें अपने भाई को राखी बांधती हैं। श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाये जाने के कारण इसे श्रावणी पर्व भी कहते हैं। इस दिन ब्राह्मण, गुरु द्वारा भी राखी बांधी जाती है। हिन्दू धर्म के सभी धार्मिक अनुष्ठानों में रक्षासूत्र बांधते समय पण्डित संस्कृत में एक श्लोक का उच्चारण करतेRead More


कहां जाएगी पत्रकारिता..जब उसकी पढ़ाई का ऐसा हाल होगा..

उमेश चतुर्वेदी हाल के दिनों में मेरा साबका पत्रकारिता के कुछ विद्यार्थियों से हुआ…सभी विद्यार्थी दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के कुछ संस्थानों में पढ़ रहे हैं..कोई पहले साल का छात्र है तो कोई तीसरे साल का.. इन सभी छात्रों में एक समानता नजर आई…वे आज के टेलीविजन के एंकरों को खूब जानते हैं..लेकिन समाचार या विचार को नहीं..सोशल मीडिया में इन एंकरों की जो छवि है..जिस वैचारिक धारा के वे एंकर हैं..उनकी भी सोच कमोबेश वैसी ही है.. दो किश्तों में इन छात्रों से मुलाकात हुई..इनमें से दो याRead More


क्या बिना शारीरिक दण्ड के शिक्षा संभव नहीं भारत में!

क्या बिना मारे नहीं पढ़ा सकता शंभुआ! बोधिसत्व मेरे एक अध्यापक थे शंभु नाथ दुबे। वे हमारे गांव के प्रायमरी में पढ़ाते थे। उनका गांव भी एक गांव छोड़ कर पड़ता था। वे हरीपट्टी के हम भिखारी राम पुर के बीच में एक गांव था बनकट। वह भूगोल नहीं बदला है। अब वे शंभु नाथ दुबे गुरुजी शरीर में नहीं हैं। लेकिन मन में हैं! उनकी अकसर याद आती है। वैसे तो अनेक अध्यापक याद आते है लेकिन उनकी याद एक दो विशेष कारणों से आती है! शंभु नाथ दुबेRead More


हथुआ में बूथ स्तर पर पहुँचेगा जन सुराज

हथुआ में बूथ स्तर पर पहुँचेगा जन सुराज …… हथुआ गाँधी आश्रम में हुआ जन सुराज का प्रखंड समिति की बैठक संवाददाता, हथुआ/गोपालगंज। हथुआ बाजार स्थित गाँधी आश्रम में जन सुराज के तरफ से प्रखंड समिति की बैठक का आयोजन किया गया. बैठक की शुरुआत गाँधी जी की प्रतिमा को माल्यार्पण के बाद की गई. इसमें जन सुराज के जिला स्तर व विभिन्न गावों से सैकडों कार्यकर्ता पहुँचे थे, जिसमें भविष्य के कई योजनाओं व एजेंडो पर चर्चा की गई. बैठक को लेकर चर्चा करते हुए महिला नेत्री सुनीता साहRead More


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