हथुआ से रोजगार छूटा तो चल दिए पैदल ही अपने गांव

रोजगार छूटा तो चल दिए पैदल ही अपने गांव
हथुआ से 16 मजदूर पैदल दरभंगा, मधुबनी व मुजफ्फरपुर रवाना
सुनील कुमार मिश्र, हथुआ, गोपालगंज।
कोरोना वायरस के कहर से रोजगार और धंधे बंद पड़ गए हैं।ऐसे में सबसे ज्यादा मार रोज कमाने-खाने वालों पर पड़ रही है। यह वह वर्ग है, जो गांव-घर छोड़कर शहरों में निजी नौकरी करता है। लेकिन इस वायरस के कारण काम-धंधे बंद हो चुके हैं। शुक्रवार की शाम हथुआ के संध्या स्वीट्स में काम करने वाले 16 कारीगर और श्रमिक पैदल ही हथुआ से दरभंगा, मधुबनी और मुज़्ज़फरपुर जिलों में स्थित अपने गांवों की ओर रवाना हो गए । हाथ में बैग और झोला उठाये ये श्रमिक पुलिस व प्रशासन के डर से हथुआ से बाईपास के रास्ते शहर छोड़कर अपने गांव की ओर जा रहे थे। दरभंगा के अमर पासवान ,चंद्रशेखर,मुज़्ज़फरपुर के संतोष साह,मधुबनी के रवीन्द्र कुमार आदि के चेहरे पर डर साफ झलक रहा था। बस यही चिन्ता थी कि किसी तरह घर अपनों के बीच पहुंच जाएं। इस परेशानी के बाद घर जाने का कोई साधन नहीं है। इसलिए पैदल ही 150 किलोमीटर के लिए चल निकले हैं। वहीं संध्या स्वीट्स के संचालक शम्भू प्रसाद ने बताया कि सभी श्रमिक लंबे समय से उनके यहां काम करते थे। उन सभी के रहने व खाने पीने की सुरक्षित व्यवस्था की गई थी। लेकिन लॉक डाउन के बाद से सभी घर जाने की जिद पर अड़े थे। काफी मान मन्नोवल के वावजूद सभी श्रमिक शुक्रवार की शाम पैदल ही अपने गांव रवाना हो गए ।
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