एक लेडी टीचर की मौत से क्यों चर्चा में है बिहार का बैकुंठपुर

बिहार कथा, गोपालगंज। बैकुण्ठपुर के एस एस पब्लिक स्कूल आज कल काफी चर्चे में है बिगत 15 दिनों पूर्व इस स्कूल की शिक्षिका निशा सिंह की मृत्यु संदिग्ध अवस्था मे स्कूल परिसर में ही हो गई थी , स्कूल प्रबंधन एवं शिक्षिका के पति ने मिलकर साक्ष्य छुपाने के नियत से इस घटना के फैलने से पहले ही शिक्षिका के लाश को जला कर प्रशासन को गुमराह करने को खुद को बचाने की प्रयास की और अपराधियों द्वारा वो प्रयास अभी तक जारी है। जिसके चलते मौत कैसे हुई ये सवाल ही बना रह गया । स्तानीय प्रशासन तहकीकात तब शुरू किया जब शिक्षिका के भाई ने आवेदन किया । जबकि इस घटना की खबर जैसे ही अंदरखाने से बाहर आई और लोगो तक पहुँची उस दरम्यान नजदीकी थाना को कई लोगो के द्वारा सूचित किया गया था । लेकिन पुलिस को आवेदन का इंतजार था । आवेदन में हुए बिलम्भ आरोपित और इस घटना में शामिल शातिर अपराधीयोके लिए किसी लॉटरी से कम नहीं था जिसका भरपूर उपयोग स्कूल प्रबंधन एवं शिक्षिका के पति ने साक्ष्य मिटाने के रूप में किया । जब मामला दर्ज हुआ उसके बाद भी स्कूल प्रशासन ने घटना का स्वरूप बदलने एवं साक्ष्य प्रस्तुत नही होने देने के मंसूबे पर पूरी अडिगता से लगा रहा है । पहले घटना स्थल को ही बदलना चाहा । अलग अलग बीमारियों का हवाला अलग अलग स्थानों पर दिया गया । शिक्षिका स्कूल में थी ही नहीं यह साबित करने के लिए स्कूल प्रबंधन ने हर वो कोशिश किया ।बाद में प्रशासन ने यह मान लिया कि घटना स्कूल परिसर में ही हुई है तब भी स्कूल प्रशासन को क्लीन चिट देना समझ से पड़े हैं और इस जांच से आम लोग सहमत नहीं हुए हैं जिसके चलते आज शाम 6 बजे बैकुण्ठपुर ब्लॉक मोड़ से गैर राजनीतिक संगठन तरुण विकास मंच के संयोजक मनीष ऋषि के नेतृत्व में बैकुण्ठपुर के युवा ,महिलाएं,गार्जियन, राजनीति कार्यकर्ताओं ने कैंडिल मार्च निकाला , कैंडिल मार्च बैकुण्ठपुर ब्लॉक मोड़ से बैकुण्ठपुर ब्लॉक होते हुए बैकुण्ठपुर थाना के सामने से होते हुए दिघवा दुबौली बाजार होते हुए ,गाँधी स्मारक सेंट्रल बैंक दिघवा दुबौली के समीप विराम किया गया आंदोलनकारियों ने गाँधी स्मारक पर कैंडिल को रख दिया गया । तत्पश्चात एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया जिसमें सभी वक्ताओं ने अपने अपने विचार रखे साथ ही सबने एक साथ एक स्वर में उच्च स्तरीय जांच की मांग की । कैंडिल मार्च के दरम्यान सरकार एवं स्थानीय प्रशासन के विरुद्ध लोगों ने नारे लगाए और तो और प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय प्रशासन के लिए एक एक चूड़ी भी साथ लाएं थे इससे साफ जाहिर होता है कि स्थानीय लोग जाँच से संतुष्ट नही है। हाथों में लोगों ने तख्ती ले रखी थी जिस पर लिखा था – निशा को न्याय दो, जस्टिस फॉर निशा, उच्च स्तरीय जांच कराओ , दोषी बच्चे नहीं, निर्दोष फसे नहीं सहित कई स्लोगन लिख कर ग्रामीण अपने गुस्से का इजहार कर रहे थे ।मौके पर -सौरभ दुबे, नागमणि तिवारी, एजाज अली, सुनील यादव, राकेश सिंह, राजू सिंह, रविश प्रताप सिंह,विक्की सिंह, पंकज सिंह,कमल कुमार, हरीश कुमार, अभिनव दुबे ,प्रभात कुमार, मनीष कौशिक, बीटू पाण्डेय, शौकत अली, संजीव कुमार, कुंदन बागी, रोहित कुमार, पप्पू पटेल, मुकेश यादव, प्रशांत यादव, दिनेश कुमार सोनी, निखिल सिंह,






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