दहेज के लालची मास्टर को गांव वालों ने पिता की चिता को आग देने से रोका
पटना. एक दहेज लोभी शिक्षक के खिलाफ पूरा समाज एकजुट हो गया और उसे सबक सिखाया. इस मामले में पत्नी भी अपनी पुत्री को हक दिलाने के लिए समाज के साथ पति को अपने पिता की चिता को अग्नि देने से रोक दिया. यह घटना पोठिया मंडल टोला निवासी रेलवे में चतुर्थवर्गीय पद से सेवानिवृत्त रामचंद्र मंडल के घर नववर्ष के दिन घटी. नववर्ष के एक दिन पूर्व रात में रामचंद्र मंडल का निधन हो गया. ससुर के निधन होने की खबर सुन कर पतोहू पल्लवी देवी अपनी पांच साल की बेटी के साथ ससुराल पहुंच गयी. वहां शिक्षक शशिकुमार मंडल व उनके परिजनों ने घसीट कर घर से बाहर निकाल रहा था. इसे देख कर समाज बहू के समर्थन में आ गया. बात इतनी बढ़ गयी कि शव चिता पर घंटों पड़ा रहा. चिता स्थल धीरे-धीरे रणभूमि में तब्दील हो गया. यहां जम कर हंगामा व हाथापाई भी हुई. पहले तो दहेज के लोभी शिक्षक शशि कुमार का कहना था कि हम पत्नी को नहीं रखेंगे और न ही ये मेरी पुत्री है. पुत्री और खुद का डीएनए टेस्ट की बात कर रहा था, लेकिन पंचायत के सरपंच मुरारी मंडल, समिति सदस्य प्रदीप प्रभा और समाजसेवी बिट्टू कुमार सहित समाज के सैकड़ों लोग बहू के समर्थन में डटे रहे. बहू सहित समाज के लोगों का आरोप था कि दहेज के लिए शिक्षक शशि कुमार अपनी पत्नी को बराबर प्रताड़ित करता था. इसको लेकर पूर्व से न्यायालय में मामला चल रहा है. जब ससुर के निधन पर एकलौती पतोहू पहुंची, तो ससुराल पक्ष कहर ढाह रहा था. आखिरकार चिता स्थल पर ही एक पंचायती हुई. पंचायत में शिक्षक और उनके मौसा प्रदीप मंडल ने बिन दहेज पतोहू अपनाने की बात पर मामला शांत हुआ. फिर शिक्षक पुत्र शशि और मृतक की मासूम पोती रितिका ने मिल कर चिता को अग्नि दी. पोठिया ओपी अध्यक्ष अमित कुमार ने कहा कि अगर पतोहू आवेदन देती है तो ससुराल पक्ष के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी. अपनी पुत्री के हक की लड़ाई लड़नेवाली भागलपुर लोकमानपुर की पल्लवी के जज्बे को लोग सलाम कर रहे हैं.
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