हाय रे हथुआ का गापेश्वर कॉलेज! यहां एमए की पढाई ही हो गई बंद

पांच वर्ष पहले शुरू हुआ था दो विषयों में पीजी की पढ़ाई , कुलपति ने दिया था पढ़ाई शुरू करने का आश्वासन 
सुनील ​कुमार मिश्र
हथुआ अनुमंडल स्थित गोपेश्वर महाविद्यालय में पीजी की पढ़ाई पिछले सत्र से बंद कर देने से छात्र-छात्राओं की मुश्किलें बढ़ गयी है। कॉलेज में पिछले सत्र में पीजी फर्स्ट सेमेस्टर में नामांकन नहीं हुआ,क्योंकि जेपी विश्व विद्यालय ने इसे अनौपचारिक रूप से बंद कर दिया है। अब ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के उच्च शिक्षा प्राप्त करने के सपनों पर ग्रहण लग गया है। इस कॉलेज में पांच वर्ष पूर्व काफी मशक्कत के बाद राजनीतिक विज्ञान व अर्थशास्त्र में 64-64 सीटों पर पीजी की पढ़ाई शुरू करने की अनुमति मिली थी। जिससे ग्रामीण क्षेत्र की छात्राओं,दलितों,अल्प संख्यकों व गरीब छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में काफी सहूलियत मिली थी। जिले में एक मात्र यही एक कॉलेज था,जहां अर्थशास्त्र में पीजी की पढ़ाई होती थी।  कॉलेज के राजनीतिक शास्त्र विभागाध्यक्ष डा सीपी सिंह कहते हैं कि इस कॉलेज ने पीजी की पढ़ाई के सभी मानकों को पूरा किया। बावजूद इसके पीजी की पढ़ाई पर रोक लगाने संबंधी  विश्व विद्यालय का यह निर्णय समझ से परे है। कॉलेज में पीजी का रिजल्ट काफी अच्छा रहा,वर्ग संचालन भी नियमित हुए,विश्व विद्यालय पर कोई अतिरिक्त बोझ भी नहीं था,पीजी के दोनों विषयों में पर्याप्त शिक्षक भी थे। लेकिन विश्व विद्यालय ने कॉलेज के साथ सौतेला व्यवहार किया। यहां बताते चले कि कॉलेज में पीजी की पढ़ाई के लिए छात्रों व हथुआ के बुद्धिजीवियों ने हस्ताक्षर अभियान चला कर तत्कालीन राष्ट्रपति डा एपीजे अब्दुल कलाम को पत्र भेजा था। जिसके बाद राष्ट्रपति ने पहल करते हुए बिहार सरकार के मुख्य सचिव को इस दिशा में पहल करने का निर्देश दिया था।
बंद होने का यह है कारण
गोपेश्वर कॉलेज में पीजी की पढ़ाई बंद करने का कारण यह बताया जा रहा है कि कॉलेज में जेपी विश्व विद्यालय के आदेश से पीजी की पढ़ाई शुरू करने का आदेश तो मिल गया था। लेकिन बिहार सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा इसका अनुमोदन नहीं मिला था। जिसके आधार पर पढ़ाई बंद कर दी गयी। इसके पीछे विश्व विद्यालय की उदासीनता व सौतेला व्यवहार भी बताया जा रहा है। क्योंकि विश्वविद्यालय ने समय रहते अनमोदन दिलाने के दिशा में प्रयास नहीं किया। हालांकि विश्व विद्यालय के कमला राय कॉलेज,महेन्द्र महिला कॉलेज,डीएवी सीवान में पिछले सत्र में पीजी की पढ़ाई  के लिए नामांकन हुआ। जबकि जेडी इस्लामिया कॉलेज में अनुमोदन नहीं रहने के बावजूद पिछले सत्र में पीजी में नामांकन हुआ।
कुलपति ने दिया था आश्वासन 
हथुआ कॉलेज में पीजी की पढ़ाई के लिए नामांकन बंद होने के बाद जब जेपी विश्वविद्यालय के नये कुलपति कुछ माह पूर्व में कॉलेज कैंपस में आए थे,तो स्थानीय बुद्धजीवियों व जनप्रतिनिधियों ने नामांकन शुरू करने की मांग की थी। जिसके जबाब में कुलपति ने प्राचार्य को निर्देश दिया था कि विश्वविद्यालय एकेडमिक कौंसिल की मीटिंग में चर्चा के लिए इस विषय पर प्रस्ताव भेजें। ताकि इस संबंध में तत्वरित निर्णय लिया जा सके।
क्या कहते हैं प्राचार्य 
गोपेश्वर कॉलेज के प्राचार्य डा बैकुंठ पांडेय ने बताया कि में पीजी की पढ़ाई की मान्यता दो विषयों में पांच वर्ष पूर्व मिली थी। जिसे विश्वविद्यालय के आदेश पर बंद कर दिया गया है। कुलपति के निर्देश पर चार विषयों में पीजी की पढ़ाई चालू करने के लिए एक प्रस्ताव विश्वविद्यालय भेज दिया गया है। प्रस्ताव पर विश्वविद्यालय एकेडमिक कौंसिल की आगामी बैठक में चर्चा होने की संभावना है। कॉलेज में फिर से पीजी में नामांकन शुरू करने की दिशा में विश्व विद्यालय के अधिकारियों से बात कर प्रयास किया जा रहा है।






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