मंत्री पिता नहीं बना पैरवीकार, बेटा सालों से बेच रहा अखबार
मुजफ्फरपुर। लोकनायक जयप्रकाश नारायण व जननायक कर्पूरी ठाकुर की राह पर चलकर राजनीति में आने वाले कई नेता आज सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक रूप से सफल हैं। मगर इनके आदर्शों पर चले बिहार सरकार के एक पूर्व मंत्री स्वर्गीय मोहनलाल गुप्ता के पुत्र उदय प्रकाश गुप्ता 42 वर्षों से अखबार बेचकर जीवनयापन कर रहे हैं और वे संतुष्ट भी हैं। उम्र के पहले पड़ाव से ही जिंदगी उदय की परीक्षा लेती रही। चलना शुरू किया था कि मां गुजर गई। नई मां आई और पालन-पोषण किया। जिंदगी का सफर संघर्षमय ही रहा। मैट्रिक परीक्षा पास कर मोटर मैकेनिक में डिप्लोमा किया। उदय कहते हैं कि पिताजी की एक पैरवी काफी थी कहीं नौकरी के लिए, मगर उन्होंने सिद्धांत से समझौता नहीं किया। इतने पैसे भी नहीं थे कि व्यापार कर पाता। जीवनयापन के लिए अखबार बेचना शुरू किया। तब अखबार नहीं बिकने पर वापस नहीं होता था, सो चार अखबार से ही सरैयागंज टावर के पास सीढ़ी पर यह काम शुरू किया। धीरे-धीरे संख्या बढ़ी। दिल्ली के अखबार शाम को पहुंचते थे। रात को इसे बांटता था।
उन्होंने कहा कि पिताजी को मेहनत का यह काम अच्छा लगता था। कहते थे कि अच्छा करते हो। ईमानदारी बनी रही। इसी कार्य से दो बच्चों की परवरिश कर उन्हें पढ़ाया लिखाया। बेटी की शादी की। हां, जिंदगी में अधिक नहीं कर पाने का थोड़ा मलाल तो है, पर संतुष्टि भी है। आगे जब तक जिंदगी व कार्य करने की क्षमता है, अखबार बेचता रहूंगा। उदय ने बताया कि मोहनलाल गुप्ता मुजफ्फरपुर विधानसभा क्षेत्र से 1967 में चुनाव जीते थे। दो वर्ष बाद यहां पुनर्मतदान में भी वे जीते। मगर वे कांग्रेस छोड़ कर्पूरी ठाकुर के साथ चले गए। सोशलिस्ट की सरकार में मंत्री बने। (जागरण से साभार)
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