गोपालगंज बाइक एजेंसी में 36 लाख की लूट हुई या 36 रुपए की?

बाइक एजेंसी में घुस कर कस्टमर को मारी गोली, फिर लूट लिये 36 लाख रुपयेसवाल- क्या एजेंसी ने हर चार मिनट में एक मोटरसाइकिल बेच कर जुटाए थे 36 लाख रुपए
कार्यालय संवाददाता
बिहार कथा. गोपालगंज. गोपालगंज जिले में अपराधियों ने गुरुवार की दोपहर दिनदहाड़े जिस तरह हथियार के बल पर बाइक की शो रूम में लूट को अंजाम दिया, उससे स्पष्ट है कि अपराधियों के हौसले बुलंद हैं.लूट कांड में कितनी राशि अपराधी लूट कर ले गए, ये तो वही जानते होंगे, लेकिन कभी, 36 तो कभी 35 तो कही 15 या फिर 1.5 लाख तक लुटने की बात आ रही है. शुरुआती खबरों के अनुसार गप्पू शाही ने मीडिया को यह बताया था कि 36 लाख की लूट हुई. लूट की पूरी राशि संशय के घेरे में हैं. इस लूट के बाद जो खबरें सोशल मीडिया में तेजी से प्रसारित हुई, उसमें 36 लाख रुपए लूट की बात प्रमुख रही. बताया जाता है कि शहर के बंजारी रोड निवासी राजीव कुमार सिंह उर्फ गप्पू सिंह का बंजारी मोड़ के समीप एनएच 28 किनारे श्रीगोपाल मोटर नाम की बाइक एजेंसी है.गुरुवार की दोपहर एजेंसी के चार कर्मी एजेंसी से दो बैग में 36 लाख रुपया लेकर उसे जमा कराने बैंक जाने के लिए एजेंसी परिसर में खड़ी एक बोलेरो में रख रहे थे. तभी यह लूट हुई. जो प्रथम दृष्यता लूट की इतनी बड़ी रकम संदिग्ध है. इसका पर्याप्त आधार है. विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि गप्पू शाही ने अपने मैनेजर/एकाउंटेट को यह स्थायी निर्देश दे रखा है कि एजेंसी में कभी भी पांच लाख रुपए हो तुरंत बैंक में जमा करा दिया जाए. मतलब एजेंसी में पांच लाख रुपए से ज्यादा की राशि नहीं रहती है. तो फिर सवाल यह है कि 36 लाख की राशि एजेंसी के पास आए कहां से? सीधा जवाब हो सकता है कि मोटरसाइकिल बेच कर. एजेंसी खुलने से लेकर लूट की वारदात तक करीब चार घंटे में इतनी बड़ी रकम के एवज में यदि मोटरसाइकिल की बिक्री का अनुमान लगाए तो 36 लाख में औसतन 60 हजार की 60 बाइक बिकी होंगी. तो फिर सवाल यह भी  उठता है कि क्या इसी अनुपात से औसतन हर चार मिनट में एक मोटरसाइकिल की बिक्री हुई. तो क्या एक दिन में अचानक इतनी बाइक की बिक्री होने लगी गोपालगंज में वह भी एक खास एजेंसी के पास सेजानकार बताते हैं कि आजकल शहर में अपराधिक गतिविधियों को देखते हुए कोई भी व्यापारी अपने यहां मोटी रकम रख ही नहीं रहे हैं. लूटकांड के बाद आक्रोशित स्थानीय लोगों ने देर तक जाम लगया और पुलिस अधीक्षक को बुलाने की जिद पर अड़े रहे. इसमें भाजपा के जिला इकाई के हालांकि देर शाम तक एजेंसी संचालक की ओर से लूटकांड की अधिकारिक रिपोर्ट थाने में दर्ज नहीं कराई गई थी. लेकिन घटना के बाद पुलिस को जैसे ही इसकी सूचना मिली, अलर्ट जारी हो गया. पुलिस अधीक्षक ने तीन टीम बना कर जांच शुरू करवा दी. पुलिस सूत्र यह खूद मानते हैं कि लूट की राशि 1.5 से 2 लाख रुपए से ज्यादा नहीं हो सकती है. इसके अलावा एजेंसी में लगे सीसीटीवी के फुटेज से छेड़छाड़ होने की बात कही जा रही है. वहीं वारदात के बाद मौके पर पहुंचे बिहार कथा के संवादसूत्र ने गप्पू शाही के करीबियों से आपसी चर्चा में यह सुना कि एक पैसे की भी लूट नहीं हुई है. इसके अतिरिक्त मार्केट में एक अन्य व्यक्ति ने 36 लाख की लूट प्रकरण पर एक राज्य स्तर के प्रशासनिक अफसर से व्यंग के लहजे में कहा कि लूटने आए थे एक करोड़ 36 लाख लेकिन लूटेरे 36 लाख लुट लिए और 1 करोड़ लुट ही नहीं पाए. जानकार यह भी कहते हैं कि एजेंसी संचालक इंसुरेंस के रुपए हड़पने के लिए भी लूट की राशि बढ़ा कर बता सकते हैं.
सोशल मीडिया पर खूब चर्चा
लूटकांड को  लेकर फेसबुक पर खूब चर्चा रही. भाजपा नेता
भाजपा के युवा नेता चंद्रमोहन पांडे ने फेसबुक पर लिखा कि बिहार में अपराधी बेलगाम हो चुके हैं. और सरकार लाचार हैं,ये वही लोग कारवा रहे है जो सत्ता मे बैठे है और सत्ता के आड मे ये कर रहे है . तो एक अन्य युवा नेता दिपक द्विवेदी ने लंबी पोस्ट लिख कर पुलिस का कटघरे में खड़ा किया, दिपक के अनुसार शायद ही गोपालगंज के इतिहास इतनी संवेदनशील प्रसाशन की भूमिका नहीं रही होगी. आज अपराधियों के अंदर प्रसाशन का बिलकुल डर नहीं है इसका एक ही कारण है अपराधी को पकड़ने पर प्रशासन की कोई रुचि नहीं है. शायद ही ऐसा कोई थाना होगा जहाँ पर पुलिस वालों पर केस ना चल रहा होगा.तो वहीं राहुल सिंह ने लिखा कि पहले सिवान ओर आज गोपालगंज मे जो लूट की घटना हुआ हैं, ये नितिश सरकार के सुशाशन का पोल खोल रहा हैं नितिश कुमार शुसासन बाबू से कुशासन बाबू हो गये हैं!  लूट कांड पर व्यंग कसते हुए अंकित कुमार चौबे ने अपने फेसबुक टाइमल लाइन पर लिखा कि बेनामी संपत्ति केश मे साहब का जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई तो होनी चाहिए।
घायल का इलाज करने में नाकाम रहे गोपालगंज के डॉक्टर
बताया जा रहा है कि लूट के दौरान बाइक पर आए दो आरोपयियों ने सात राऊंड की फायरिंग की. इससे बाइक खरीदने आए मीरगंज थाना क्षेत्र के कोयलादेवा गांव निवासी राजेंद्र यादव के पुत्र पिंटू यादव गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए. इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया.  लेकिन उनकी हालत गंभीर देख चिकित्सक ने उन्हें गोरखपुर रेफर कर दिया. पुलिस अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी अभियान चला रही है. इस पूरे प्रकरण में जब गप्पू शाही से बातचीत कर ने की कोशिश की गई लेकिन संपर्क नहीं हो सका.देर शाम पुलिस अधीक्षक रवि रंजन ने  नगर थाना के दारोगा संतोष कुमार को निलंबित कर दिया.






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