Saturday, September 19th, 2015
जातिवादी राजनीति का मिथ और सच
संजीव चंदन महाराष्ट्र का वर्धा जिला महात्मा गांधी के प्रयोगों का जिला है , वहां रहने के अपने 10 साल के अनुभवों से राजनीति का स्थानीय सूत्र जान पाया कि पार्टियां वहां टिकट देने में उम्मीदवारों की जाति का ख़ास ख्याल रखती हैं. जिले की राजनीति में तेली और कुणवी, दो जातियों के बीच ध्रुवीकरण है, टिकट बंटवारे में इसका ख़ास ख्याल रखा जाता है , यानी एक जाति का उम्मीदवार यदि एक पार्टी ने निश्चित किया तो दूसरी पार्टी का उम्मीदवार किस जाति से होगा वह स्वतः स्पष्ट होRead More
पूर्व बिहार में सभी पार्टियों में परिवारवाद हावी
वीरेंद्र कुमार.भागलपुर, तमाम दावों के बावजूद पूर्व बिहार में परिवारवाद की राजनीति हावी है। इन जिलों में एक दर्जन से अधिक परिवारों के इर्द-गिर्द राजनीति घूमती रही है। मंगलवार को भाजपा की जारी पहली सूची में परिवारवाद की झलक दिख चुकी है। भाजपा ने बांका के बेलहर से पूर्व सांसद जनार्दन यादव के पुत्र मोनज यादव को और कटोरिया से वर्तमान विधायक सोनेलाल हेम्ब्रम की पुत्रवधू निक्की हेम्ब्रम को टिकट दिया है। सभी दल के दिग्गजों में पुत्र और परिवार के सदस्यों को टिकट दिलाने की होड़ मची हुई है।Read More
वामपंथ की जड़ पर रंगा भगवा रंग
टाइम्स न्यूज नेटवर्क बीहट. यूं ही नहीं बेगूसराय और खासतौर पर बीहट गांव को बिहार का लेनिनग्राद कहा जाता था। आज भी इस गांव में आपको वैसे घर मिल जाएंगे जहां लेनिन की तस्वीर आपको घर के सामने की ओर लगी मिलेगी। ऐसे जैसे कि घर कह रहा हो कि वह लेनिन है, लेनिन की विचारधारा से रंगा है। ऐसा ही एक घर है आॅल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एआईटीयूसी) के दिवंगत नेता चंद्रेश्वरी सिंह का। चंद्रेश्वरी सिंह ने बिहार में वामपंथी आंदोलन की नींव रखी थी। आज भी आएRead More
कभी शहाबुद्दीन से थरथराते थे लोग, जिसे पीटा था उसी ने हराया
बिहार कथा. सीवान। बिहार में राजद के शासन में पूर्व सांसद शहाबुद्दीन खौफ का दूसरा नाम हुआ करते थे। लोग इनसे थरार्ते थे। फिलहाल वो जेल में बंद हैं। लेकिन बिहार के डॉन और आतंक के पर्याय रहे मोहम्मद शहाबुद्दीन अर्थात साहब का जलवा ऐसा था कि पूछिए मत। सीवान में आज भी लोग नाम लेकर नहीं पुकारते। जेल में बंद होने बावजूद उनका खौफ लोगों पर भारी है और उनकी पहचान साहब की बनी हुई है। बीते करीब 27 सालों से ऐसा ही हो रहा है। शहाबुद्दीन का जन्मRead More